बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया है। आपको बता दें कि कुलदीप सेंगर उन्नाव रेप केस में आरोपी है और इस वक्त जेल में बंद है। सीबीआई ने हाल ही में उनके खिलाफ उन्नाव रेप के पीड़िता के हत्या के प्रसास का केस दर्ज किया है।
सीबीआई ने बुधवार को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत दस अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया। इसके अलावा जांच एजेंसी ने हत्या, हत्या की कोशिश आदि समेत अन्य मामले में 20 और लोगों पर मामला दर्ज किया। बता दें कि सीबीआई ने उन्नाव रेप केस की पीडि़ता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच संभाल ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की संलिप्तता वाले बलात्कार मामले को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से बाहर स्थानांतरित करेगा। कोर्ट ने सीबीआई के किसी ‘जिम्मेदार अधिकारी को दोपहर 12 बजे तक पेश होकर इस मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी देने को भी कहा था।’
शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की यह याचिका खारिज कर दी कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक के लिए स्थगित की जाए क्योंकि उन्नाव मामलों की जांच कर रहे अधिकारी दिल्ली से बाहर हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को बृहस्पतिवार को इससे अवगत करा सकते हैं।
पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए( न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं। पीठ ने कहा, ”हम सभी मामलों को स्थानांतरित करने जा रहे हैं। हम इस संबंध में आदेश पारित करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों मामले सीबीआई को हस्तांतरित कर दिए गए हैं, इसलिए वह किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी से जानकारी हासिल करने के पश्चात दिन में बाद में आदेश पारित करेगा।
गौरतलब है कि न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता द्वारा सीजेआई को लिखे पत्र पर बुधवार को संज्ञान लिया था और अपने सेक्रेटरी जनरल से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी कि इस पत्र को 17 जुलाई से अब तक उनके संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया।
ब्यूरो