पटना, ८ फरवरी। समाज के कठोर यथार्थ को, उसके उसी नंगे रूप में प्रस्तुत करती हैं बाँके बिहारी की कहानियाँ। उनकी कुछ कहानियाँ प्रसिद्ध नाटककार विजय तेंदुलकर के बहुचर्चित नाटक ‘सखाराम बाइं... Read more
पटना, १४ जनवरी। आकाशवाणी में निदेशक रहे अद्भुत प्रतिभा के रंगकर्मी डा चतुर्भुज एक महान नाटककार ही नहीं, काव्य-कल्पनाओं से समृद्ध एक महान दार्शनिक चिंतक भी थे, जिन्हें ठीक से जानना अब भी शेष... Read more
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 10 जनवरी ::पटना के कदमकुंआ स्थित “बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन” में आयोजित “विश्व हिन्दी दिवस” के अवसर पर बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन क... Read more
पटना, १० जनवरी। हिन्दी पूरी दुनिया में फैल रही है। यह एक वैज्ञानिक भाषा है, इस कारण से। किंतु इसे अभी तक भारत में ही वह स्थान नहीं मिला, जो इसे दिया जाना निश्चित किया गया था। हमें इस बात की... Read more
पटना, ८ जनवरी। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में आगामी १० जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा। समारोह का उद्घाटन अपराह्न तीन बजे, नागालैंड के पूर्व राज्यपाल निख... Read more
पटना, ६ जनवरी। हिन्दी के प्राध्यापक रहे डा विनय कुमार विष्णुपुरी एक निरंतर गतिमान और उद्यमशील लेखक थे। उनकी सक्रियता और उनका श्रम प्रेरणादायी था।जीवन के अवसान के समय भी उन्हें कभी शिथिल नहीं... Read more
पटना, ५ जनवरी। ‘अंगिका’ के तपस्वी साधक थे डा नरेश पाण्डेय ‘चकोर’। अंगिका भाषा और साहित्य के लिए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन न्योक्षावर कर दिया। वे कोमल भावनाओं से युक्... Read more
पटना, २५ दिसम्बर। हिन्दी नवगीत में विशिष्ठ स्थान रखनेवाले गीतिधारा के महत्त्वपूर्ण कवि आचार्य विजय गुंजन अपनी पीढ़ी के प्रतिनिधि-कवि हैं। छंद और गीत को दिव्य-सौंदर्य प्रदान करने वाले उपमा-अल... Read more
पटना, २३ दिसम्बर। अंगिका भाषा और साहित्य के उद्धारकों में अंग-कोकिल डा परमानंद पाण्डेय का स्थान श्रेष्ठतम है। वे अंगिका के दधीचि समान साहित्यर्षि थे। अंगिका-कोश और व्याकरण का सृजन कर उन्होंन... Read more
पटना, २१ दिसम्बर। तरुणाई से मृत्यु तक अपने हृदय में आग लिए जीते रहे रामवृक्ष बेनीपुरी। वे एक महान क्रांतिकारी, अद्भुत प्रतिभा के साहित्यकार, प्रखर वक्ता, मनीषी संपादक, दार्शनिक चिंतक, राजनेत... Read more
पटना, ९ मार्च। व्यथा और संवेदना, कवि-मन का स्थाई भाव है। यह न हो तो मर्म-स्पर्शी कविता किस कोख से जन्म लेगी? पीड़ा की कुक्षि से ही दर्द के गीत निकलते हैं और उसी गर्भ से पैदा हुई ग़ज़ल भी असर... Read more
प्रियंका भारद्वाज पटना से , १५ अगस्त। विश्व में, राष्ट्रों की स्वतंत्रता के लिए हुए आंदोलनों में, महानतम आंदोलन के रूप में परिगणित होने वाले भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम में, देश के लाखों बलिदा... Read more