पटना, २९ नवम्बर। गद्य और पद्य में समान अधिकार से लिख रहे वरिष्ठ साहित्यकार जियालाल आर्य के साहित्य में काव्य-आदर्श के समान लोक-मंगल के भाव हैं। उत्पीड़न के विरुद्ध इनके प्रतिकार के स्वर भी क... Read more
पटना, २५ नवम्बर। क़ानून बेकार है, यदि उसका अनुपालन सुनिश्चित न किया जाए। जीवन ‘नेचुरल लौ’ से चलता है और शासन क़ानून से। किंतु यह सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। भारत की न्यायपालिक... Read more
पटना, २४ नवम्बर। ‘वाणाम्बरी’, ‘कृष्णाम्बरी’, ‘अरुण रामायण’ और ‘महाभारती’ जैसे दशाधिक महाकाव्यों सहित ४५ मूल्यवान ग्रंथों की रचना कारने वाले, म... Read more
पटना, २१ नवम्बर। बड़ी कविता वही है जो संसार को सुंदर बनाती है। कविता लोक-रंजक और कल्याणकारी होनी चाहिए। जिसमें पाठकों का हृदय जीत लेने और गुणात्मक परिवर्तन लाने की शक्ति हो, वही रचना सार्थक... Read more
पटना, १३ नवम्बर। कदमकुआं स्थित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की उपस्थिति में उत्साह-पूर्वक दीपोत्सव मनाया गया तथा बिहार समेत संपूर्ण संसार में प्रेम और सद्भा... Read more
पटना, १० नवम्बर। बिहार वासियों के लिए, महान शिक्षाविद डा सच्चिदानंद सिन्हा प्रथम-स्मरणीय महापुरुष हैं। उनके ही अथक प्रयास और पुरुषार्थ से बंग-भंग हुआ और ‘बिहार’ को अलग राज्य का स... Read more
पटना, १ नवम्बर। भोजपुरी के दो अविस्मरणीय गीत ‘बटोहिया’ और इसी तर्ज़ पर लिखा गया दूसरा गीत ‘फिरंगिया’, स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार समेत पूर्वांचल के समस्त स्वतंत्रता स... Read more
पटना, २८ अक्टूबर । नाम-यश की लालसा से सर्वथा दूर, एकांतिक साधना में निमग्न, साहित्य के पर्यावाची शब्द थे, आचार्य श्रीरंजन सूरिदेव। अपने समय के वे सबसे बड़े साहित्यकार थे। उनके संपूर्ण व्यक्त... Read more
पटना, १६ अक्टूबर। महात्मा गांधी के आह्वान पर भारत के जिन महान त्यागियों ने अपना ऐश्वर्यपूर्ण सुखमय जीवन का त्याग कर दिया और देश-सेवा के लिए समर्पित हो गए, उनमे सेठ गोविन्द दास का नाम परम श्र... Read more
पटना, १२ अक्टूबर। हिन्दी साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखने वाले विद्वान समालोचक डा कुमार विमल काव्य में सौंदर्य-शास्त्र के महान आचार्य और अपने समय के जीवित साहित्य-कोश थे। उनका संपूर्ण जीवन,... Read more
पटना, ११ सितम्बर। “बहुत बोलता है मेरे घर का हीरामन/ भिश्ती की सुनकर राजा को गरियाता है/ जिस दिन से बँट गया घर का चौका-चूल्हा/ वह कबीर बाबा की बानी में गाता है”—–... Read more
पटना, ४ अक्टूबर। महाकाव्य ‘महाशक्ति’, ‘मेनका’, ‘रास-रचैया’ और ‘जागरी वसुंधरा’ जैसी कालजयी कृतियों के रचनाकार ब्रजनंदन सहाय ‘मोहन प्रेमयो... Read more