पटना, ६ फरवरी। अपने समय के अत्यंत लोकप्रिय संस्कृति-पुरुष और राजनेता थे डा पूर्णेंदु नारायण सिन्हा। जब तक जीवित रहे बिहार की सांस्कृतिक-धड़कन बने रहे। कला, संगीत और साहित्य के अनन्य पोषक पूर... Read more
पटना, ६ फरवरी। अपने समय के अत्यंत लोकप्रिय संस्कृति-पुरुष और राजनेता थे डा पूर्णेंदु नारायण सिन्हा। जब तक जीवित रहे बिहार की सांस्कृतिक-धड़कन बने रहे। कला, संगीत और साहित्य के अनन्य पोषक पूर... Read more
पटना, ४ फरवरी। गीत के शलाका-पुरुष आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री बिहार के ही नहीं, अपितु हिन्दी काव्य-साहित्य के गौरव-स्तम्भ हैं। एक ऐसा प्रकाश-स्तम्भ जो पीढ़ियों का मार्ग प्रशस्त करता है। वे स... Read more
पटना, ३१ जनवरी। साहित्य तथा भारतीय कलाओं के संरक्षण, प्रशिक्षण और मंचन के लक्ष्य से महाकवि काशीनाथ पाण्डेय द्वारा स्थापित संस्था ‘कलाकक्ष’ का ४७वाँ स्थापना दिवस समारोह, शुक्रवार... Read more
सूबे की चर्चित साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था सामयिक परिवेश ने अपना 19वाँ स्थापना दिवस समारोह आज मनाया।समारोह का उद्घाटन बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ,वरिष्ठ साहित्यक... Read more
पटना, २७ जनवरी। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की अध्यक्षता में रविवार को बिहार की दो साहित्यिक विभूतियों बलभद्र कल्याण एवं प्रफुल्लचंद्र ओझा ‘मुक्त... Read more
पटना, २४ जनवरी। असाधारण प्रतिभा के मनीषी विद्वान थे पं राम नारायण शास्त्री । वे एक महान हिन्दी सेवी ही नहीं, संस्कृत के महापंडित और प्राच्य साहित्य के महान अन्वेषक भी थे। वे साहित्य, समाज और... Read more
पटना, २२ जनवरी। ‘भावुक कवि’ के रूप में चर्चित और सम्मानित रहे पं जनर्दन प्रसाद झा ‘द्विज’ छायावाद-काल के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कवि और मूल्यवान कथाकार थे। इनकी रचनाओं... Read more
पटना, १५ जनवरी। एक महान नाटककार ही नहीं, काव्य-कल्पनाओं से समृद्ध एक महान दार्शनिक चिंतक भी थे डा चतुर्भुज । उनका जीवन और नाटक पर्यायवाची शब्द की तरह अभिन्न थे। बालपन से मृत्य-पर्यन्त वे इसस... Read more
पटना, १४ जनवरी। ‘एक नदी मेरा जीवन’ का कवि पं विशुद्धानंद का संपूर्ण जीवन पर्वत की घाटियों से होकर अनेक वन-प्रांतों और पत्थरीली भूमि में बहती नदी सा ही था। उनके दर्द भरे गीतों में... Read more
पटना, ११ जनवरी। देश और समाज के लिए कार्य करने वाले लोग सदा जीवित रहते हैं। मनुष्य अपनी कीर्ति में जीवित रहता है। ऐसे ही लोग याद किए जाते हैं और ऐसे ही लोगों और संस्थाओं से समाज का निर्माण हो... Read more
पटना, १० जनवरी। भारत की आत्मा की भाषा है हिन्दी। इसका ध्वज एक दिन विश्व भर में लहराएगा । यह शीघ्र ही भारत की ‘राष्ट्रभाषा’ भी होगी। यह एक अत्यंत वैज्ञानिक और सरल भाषा है। पूरी दु... Read more