पटना, १३ सितम्बर। कथा-लेखन से विद्यार्थियों में कल्पना-शक्ति और सृजन-शीलता का विकास होता है। रचनात्मक-प्रतिभा के विकास में इसका अत्यंत महत्त्वपूर्ण योगदान है। प्रत्येक विद्यार्थी को कथा-लेखन... Read more
पटना, १२ सितम्बर । हिन्दी पखवारा के अंतर्गत, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में लगाए गए ‘पुस्तक-चौदस-मेला’ के १२वें दिन, गुरुवार को छात्र-छात्राओं के लिए ‘काव्य-पाठ-प्रतियोगि... Read more
पटना, ११ सितम्बर। ‘शब्द’ के अत्यंत विनम्र और सिद्ध साधक थे महाकवि केदारनाथ मिश्र ‘प्रभात’। एक एक शब्द को तौल कर प्रयोग करते थे। शब्दों के नगीने तराश कर वे अपने काव्य... Read more
पटना, १० सितम्बर । हिन्दी के कथा-साहित्य में मुंशी प्रेमचंद्र को ‘उपन्यास-सम्राट’ या ‘कथा-सम्राट’ की उपाधि से विभूषित किया जाता है। किंतु हिन्दी के जिस कथाकार को... Read more
पटना, ८ सितम्बर । संपूर्ण देश को एक सूत्र में जोड़ने और परस्पर सौहार्द बढ़ाने के लिए एक संपर्क-भाषा का होना आवश्यक है। उत्तर-दक्षिण का भेद मिटाने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। भारत की एक राष्... Read more
पटना,७ सितम्बर। छंद से कविता को गेयता प्राप्त होती है। गेय रचनाएँ श्रोताओं और पाठकों के कंठ से होकर हृदय में उतरती और स्थायी स्थान बना लेती है। ऐसी ही छंदोबद्ध कविताएँ दीर्घ-जीवी होती हैं और... Read more
पटना, ६ सितम्बर। हर एक लेखक, पत्रकार और वक्ता-व्याख्याता को अवश्य ही ‘शब्द-साधना’ करनी चाहिए। ‘शब्द-साधना’ से तात्पर्य यह है कि वह, प्रयोग में आने वाले प्रत्येक शब्द... Read more
पटना, 5सितम्बर। विगत 1 सितम्बर से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में लगे पुस्तक-चौदस-मेला के पाँचवे दिन गुरुवार को विद्यार्थियों की भींड़ रही। ये विद्यार्थी अपने शिक्षकों के साथ ‘निबंध-ल... Read more
पटना, ३ सितम्बर । हिन्दी पखवारा के अंतर्गत, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में लगाए गए ‘पुस्तक-चौदस-मेला’ के तीसरे दिन, मंगलवार को, छात्र-छात्राओं के लिए ‘व्याख्यान-प्रतियोगि... Read more
पटना, २ सितम्बर । हिन्दी पखवारा के अंतर्गत, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में लगाए गए ‘पुस्तक-चौदस-मेला’ के दूसरे दिन, सोमवार को, छात्र-छात्राओं के लिए ‘श्रुतलेख-प्रतियोगिता... Read more
पटना, १ सितम्बर। प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे वह विद्यार्थी हो, शिक्षक हो अथवा और कुछ भी, सभी साक्षरों को पुस्तकों से जुड़ना चाहिए। यही सबकी सच्ची और अच्छी संगिनी और मार्ग-दर्शिका होती हैं। यह... Read more
पटना, ३० अगस्त। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे, स्मृति-शेष साहित्यकार डा विष्णु किशोर झा ‘बेचन’ आलोचना-साहित्य के अधिकारी विद्वान... Read more