पटना, २५ मई। संस्कृत प्रेमियों के लिए यह एक प्रसन्नता की बात हो सकती है कि, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित ‘संस्कृत संभाषण शिविर’ के प्रतिभागीगण स्वयं तो संस्कृत बोलन... Read more
पटना , २० मई। छायावाद-युग के प्रमुख स्तंभ और प्रकृति के सुकुमार कवि के रूप में सुख्यात हिन्दी के महान कवि पं सुमित्रानंदन पंत, प्रकृति के दिव्य सौंदर्य के चितेरे और मानवतावादी कवि थे। उनकी र... Read more
पटना, १७ मई। अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के तत्त्वावधान में रविवार की संध्या, दिवंगत कवि, सुप्रसिद्ध बाँसुरीवादक और संचारकर्मी पुरुषोत्तम नारायण सिंह की स्मृति में ऑनलाइन स्मृ... Read more
पटना, ८ मार्च। हिन्दी काव्य साहित्य में सबसे लम्बी कविता लिखने वाले महाकवि काशीनाथ पाण्डेय अद्भुत काव्य-प्रतिभा संपन्न एक ऐसे प्रयोगधर्मी कवी थे, जिन्हें ‘अक्षर-पुरुष’ कहा जा सकत... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /विधाता ब्रह्मा ने अपनी सुख-निद्रा में जो साँसें छोड़ीं उनसे नारी की उत्पत्ति हुई है ! यदि संसार में विधाता की यह कृति न होती, तो संसार में होता ही क्या? संसार क... Read more
अद्भुत क़िस्सा-गो थे फणीश्वरनाथ रेणु, मन को मोहती है उनकी भाषा और शैली, साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुआ जन्म शताब्दी समारोह,कवि बाबूलाल मधुकर का खंड-काव्य ‘मगही मेघदूत’ तथा डा मेह... Read more
पटना, १ मार्च। महाकवि पं जगन्नाथ मिश्र गौड़ ‘कमल’ हिन्दी-काव्य के अत्यंत मनोहारी काल ‘छायवाद’ के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कवि के रूप में समादृत हैं। उनकी विश्रुत काव्य-... Read more
संजय राय की रिपोर्ट /पटना – अपने समय के लोकप्रिय कैंसर रोग-विशेषज्ञ और साहित्यकार डा रंगी प्रसाद सिंह ‘रंगम’ एक महान चिकित्सक ही नहीं,जीवन-मूल्यों के अत्यंत मूल्यवान कवि भी... Read more
पटना, १८ फ़रवरी। हिन्दी के आलोचना-साहित्य में अतुल्य अवदान देनेवाले तथा काव्य में ‘प्रपद्य-वाद’ के प्रवर्त्तक आचार्य नलिन विलोचन शर्मा की लेखनी में अद्भुत सामर्थ्य था। उनकी लेखनी... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / मात्र ४५ वर्ष की आयु में आलोचना-साहित्य के मानदंड स्थापित कर, अपनी मेधा और साहित्यिक-प्रतिभा से देश भर के विद्वानों को चमत्कृत कर देने वाले मनीषी विद्वान आचार्... Read more
पटना, ११ फरबरी। हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में अप्रतिम अवदान देनेवाले मनीषी विद्वान, प्रकाशक और संपादक आचार्य रामलोचन शरण ‘बिहारी’, खड़ी बोली के अभिनव गद्य शैली के प्रवर्तक... Read more
स्मृति-शेष बिहार के द्विवेदी’ थे अभिनव गद्य शैली के प्रवर्तक आचार्य रामलोचन शरण जयंती (११ फरवरी) पर.अपनी विशिष्ट गद्यशैली तथा हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में अप्रतिम अवदानों के लि... Read more