पटना, १७ अगस्त। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आगामी एक सितम्बर से, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, ‘हिन्दी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला’ का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन एक सि... Read more
पटना, १६ अगस्त । निरंतर हो रहे जीवन-मूल्यों के ह्रास और चारित्रिक पतन से समाज को बचाना साहित्यकारों का ही दायित्व है। चतुर्दिक दृष्टि फैलाने के बाद अब एक मात्र आशा साहित्य से रह गई है। साहित... Read more
पटना, ११ अगस्त। कवयित्री अभिलाषा सिंह भाव-संपदा और कवित्त-शक्ति से संपन्न एक अत्यंत प्रतिभाशाली रचनाकार हैं। इनकी रचनाओं में कविता स्वयं अपने को अभिव्यक्त करती है। अपने प्रथम काव्य-संग्रह मे... Read more
पटना, ९ अगस्त। हिन्दी के ऋषि-तुल्य साहित्यकार आचार्य शिव पूजन सहाय का साहित्यिक व्यक्तित्व हिमालय की तरह ऊँचा था। वो हिन्दी भाषा और साहित्य के महान उन्नायक थे। उन्होंने साहित्य और शिक्षा के... Read more
पटना, ७ अगस्त। महाकवि तुलसीदास भारतीय चेतना और दर्शन के अद्भुत भाष्यकार हैं। वे उपदेश नहीं देते, बल्कि अपने सजीव पात्रों के माध्यम से समाज को एक ऐसा प्रतीक देते हैं, जो मानव-समुदाय के लिए आद... Read more
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट / अपने मधुर कंठ और प्रांजल लेखनी से, भोजपुरी और हिन्दी के हृदय-हारी गीतों से संपूर्ण भारतवर्ष में गीत का अलख जगानेवाली विदुषी कवयित्री डा सुभद्रा वीरेन्द्र सत्य ही ब... Read more
पटना, २२ जुलाई। भारतीय जीवन और आदर्शों को सहस्राब्दियों से अनुप्राणित करने वाले महान ग्रंथ ‘गीता’ का अनेक भाषाओं में अनेकों विद्वानों और ऋषियों ने अनुवाद किए हैं और भाष्य लिखे है... Read more
पटना /डा जगदीश पाण्डेय की जयंती पर साहित्य सम्मेलन ने श्रद्धापूर्वक स्मरण किया अपने पूर्व अध्यक्ष को
पटना, १६ जुलाई। डा जगदीश पाण्डेय वृति से अभियन्ता किंतु हृदय से कवि थे। सृजन नहीं कर पाए, किंतु सर्जकों की उदारता से सेवा की। साहित्य और साहित्यकारों की अत्यंत मूल्यवान सेवाओं के लिए वे सदा... Read more
पटना, ७ जुलाई। हिन्दी और संस्कृत के उद्भट विद्वान और महान साहित्य-सेवी आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा पुरातन भारतीय ज्ञान के नूतन प्रकाश थे। भारतीय दर्शन और वैदिक साहित्य का उन्हें गहरा अध्ययन था।... Read more
पटना, ४ जुलाई। अपनी मूल्यवान साहित्यिक और सांस्कृतिक सेवाओं के लिए भारत सरकार के पद्म अलंकरण से विभूषित विदुषी कवयित्री डा शांति जैन लोक संस्कृति और गीति-काव्य की पुण्य सलीला सरिता थीं। लोक-... Read more
पटना, १ जुलाई। अनेक अलक्षित साहित्यकारों को प्रकाश में लाने वाले स्तुत्य लेखक डा सुरेंद्र प्रसाद जमुआर एक ऐसे मनीषी और परिश्रमी साहित्य-साधक थे, जिन्होंने अपनी कल्याणकारी लेखनी से बिहार की स... Read more
पटना, २६ जून । डा दीनानाथ शरण मनुष्यता और जीवन-मूल्यों के कवि और मनीषी समालोचक थे। एक सजग कवि के रूप में उन्होंने पीड़ितों को स्वर दिए तथा शोषण तथा पाखंड के विरुद्ध कविता को हथियार बनाया। वे... Read more