पटना , ८ अगस्त। “आमंत्रण दृग से हुआ, लिए एक मनुहार/ हुए श्रावणी प्राण-धन, बरसी प्रीत-फुहार”– “मन चंचल हिरण बन बैठा, लगा कुलाँचे भरने/ अल्हड़ हो मदमस्त चली मैं, जैसे बहते झर... Read more
पटना, ७ अगस्त। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद के लिए, नामांकन के पहले दिन, शनिवार को सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने नामांकन किया। उनकी ओर से दस-दस की संख्या में कुल ४... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट पटना से ६ अगस्त/ बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन हेतु ७ अगस्त,२०२१ से नामांकन आरंभ हो रहा है। नामांकन-प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि ९ अगस्त,२... Read more
पटना, ५ अगस्त। महाकवि रामदयाल पाण्डेय न केवल एक महान स्वतंत्रता-सेनानी, ओज और राष्ट्रीय भाव के यशमान कवि, तेजस्वी पत्रकार और हिन्दी के महान उन्नायकों में से एक थे, बल्कि सिद्धांत और आदर्शों... Read more
पटना , ३ अगस्त। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा ‘राष्ट्र-कवि’ की उपाधि से विभूषित और भारत सरकार के पद्म-भूषण सम्मान से अलंकृत स्तुत्य कवि मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली हिन्दी के प्र... Read more
१ अगस्त। रहस्य-रोमांच से भरे अपने तिलिस्मी उपन्यासों से पूरी दुनिया के पाठकों को का हृदय जीत लेने वाले हिन्दी के अद्भुत प्रतिभा के उपन्यासकार बाबू देवकी नंदन खत्री को पढ़ने के लिए अंग्रेज़ों... Read more
पटना /बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कहा की हिंदी साहित्य के प्रकाशमान नक्षत्र, मानव मन के अद्भुत पारखी, महान रचनाकार, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप... Read more
पटना, ३० जुलाई। ‘सोजे-वतन’ जैसी उर्दू कहानियों से अपनी साहित्यिक यात्रा आरंभ करने वाले मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के कथा-सम्राट के रूप में इसलिए ख्यात हुए कि उन्होंने भारत के लोक-जीवन... Read more
पटना, २८ जुलाई। पिछली सदी के महान समाजोद्धारकों में परिगणित बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर पर दशकों से पुस्तकें लिखी जाती रही हैं। गद्य में भी और पद्य में भी। किंतु सुप्रसिद्ध कथाकार और कवि जिय... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर -पटना से । कोरोना आपदा के कारण, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन की बाधित प्रक्रिया पुनः आरंभ हो गई है। सम्मेलन के निर्वाचन पदाधिकारी तथा पटना उच्च न्... Read more
पटना, २१ जुलाई। अपने जीवन को किस प्रकार मूल्यवान और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सकता है, इसके जीवंत उदाहरण और प्रेरणा-पुरुष थे, साहित्यसेवी जगत नारायण प्रसाद ‘जगतबंधु’। उनका अनुशासित... Read more
फतुहा। साहित्य से ही समाज में मनुष्यता बचेगी। इसमें समाज को जोड़ने, सबका हित करने, दुखियों की आँखों के आँसू पोछने तथा युगान्तकारी परिवर्तन की अपार क्षमता होती है। साहित्य को बल साहित्यिक पत्... Read more