पटना, ५ फ़रवरी। छायावाद-काल के पाँचवे स्तम्भ के रूप में परिगणित महान साहित्यसेवी आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री गीति-साहित्य के शिखर पूरुष थे। वे संस्कृत और हिन्दी के मूर्द्धन्य विद्वान तो थे ह... Read more
पटना, १ फरवरी। भारतीय सिनेमा के एक बड़े कलाकार ही नहीं, काव्य-कल्पनाओं से समृद्ध एक समर्थ कवि भी हैं अखिलेंद्र मिश्र। इनमे कलाकार की कोमलता, भावुकता, संवेदनशीलता तो है ही, अध्यात्म और दर्शन... Read more
पटना, ३० जनवरी। विश्व-विश्रुत महाकाव्य ‘कामायनी’ समेत अनेक अनमोल कृतियाँ देने वाले महाकवि जयशंकर प्रसाद एक युग-प्रवर्त्तक साहित्यकार थे, जिन्होंने एक साथ, कविता, कहानी, उपन्यास औ... Read more
पटना, २७ जनवरी। कथा-साहित्य और काव्य-सौष्ठव के लिए विख्यात प्रफुल्ल चंद्र ओझा ‘मुक्त’ अपने समय के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण साहित्यिक हस्ताक्षर थे। साहित्य की सभी विधाओं में उन्होंन... Read more
पटना, २४ जनवरी। स्वामी सहजानंद सरस्वती के यशस्वी शिष्य और स्वतंत्रता सेनानी पं रामनारायण शास्त्री प्राच्य-विद्या के महान अन्वेषक और संरक्षक ही नहीं एक अत्यंत तेजस्वी वक्ता भी थे। उन्होंने अप... Read more
पटना, २२ जनवरी। रस, छंद और अलंकार कविता का ऋंगार है। इसके अभाव में कविता सुहागिन नहीं लगती। आवश्यक नही है कि यथार्थ लिखने के लिए, यथार्थ जैसी विद्रूप भाषा का प्रयोग हो। कड़वे से कड़वे यथार्थ... Read more
पटना, १६ जनवरी। “आपको जानते जानते ही लोग जानेंगे, फिर जब जान लेंगे, तो जाने नहीं देंगे।” यह बात हिन्दी के महान शैलीकार राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह ने, डा चतुर्भुज से तब कही थी, ज... Read more
पटना, १४ जनवरी। ‘एक नदी मेरा जीवन’ लिखने वाले दर्द के कवि पं विशुद्धानंद का संपूर्ण जीवन पर्वत की घाटियों से होकर अनेक वन-प्रांतों और पत्थरीली भूमि से गुजरती बहती नदी सा ही था। स... Read more
पटना, ११ जनवरी। लघु-कथा लेखन में अपना पैर जमा रहे कथाकार अमरेन्द्र कुमार के प्रथम लघुकथा संग्रह ‘कोरोनाकालजयी लघुकहानियाँ’, कथा मात्र नहीं, ‘कोरोना-काल’ का एक संक्षिप... Read more
सुपरिचित लेखक श्री अमरेन्द्र कुमार के लघुकथा-संग्रह ‘कोरोनाकालजयी लघुकहानियाँ’ का लोकार्पण, ११ जनवरी, २०२१ को अपराह्न ३-३० बजे, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, क़दमकुआँ, पटना में। बिहार के पूर... Read more