पटना ब्यूरो , २२ दिसम्बर । मौरिशस सरकार द्वारा गठित भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा सरिता बुधु की उपस्थिति में, गुरुवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में सपन... Read more
पटना, २७ अगस्त। हिन्दी भाषा और साहित्य में अभिरूचि रखने वाले सभी प्रकार के तकनीकी विशेषज्ञों को चाहिए कि वे अपने विषय के अंग्रेज़ी में प्रकाशित पाठ्य-पुस्तकों को व्यावहारिक हिन्दी में अनुवाद... Read more
पटना, १२ अगस्त। देश की गौरवशाली संस्थाओं में से एक बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर एक बार फिर से डा अनिल सुलभ को प्रतिष्ठित किया गया है। आज तीसरे पहर तीन बजे, सम्मेलन के निर्वा... Read more
पटना /हिंदी साहित्य के देश के बड़े विद्वान अनिल सुलभ का बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का पुनः निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये. कंट्री इनसाइड न्यूज़ के प्रबंध संपादक कौशलेंद्र पाराशर ने दी बधाई. इसक... Read more
पटना, ९ अगस्त। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन हेतु, नामांकन के अंतिम दिन, सोमवार को सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने पाँच सेटों में पचास निर्वाचक-प्रस्तावको... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट पटना से ६ अगस्त/ बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन हेतु ७ अगस्त,२०२१ से नामांकन आरंभ हो रहा है। नामांकन-प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि ९ अगस्त,२... Read more
पटना / बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और बिहार के बड़े शिक्षाविद डॉक्टर अनिल सुलभ ने जनसंख्या के कठोर नीति पर कहा की शिक्षा से लोगों में जागरूकता आ रही है। इससे प्रजनन दर में कमी आई... Read more
फतुहा। साहित्य से ही समाज में मनुष्यता बचेगी। इसमें समाज को जोड़ने, सबका हित करने, दुखियों की आँखों के आँसू पोछने तथा युगान्तकारी परिवर्तन की अपार क्षमता होती है। साहित्य को बल साहित्यिक पत्... Read more
होली के रंग में यों पड़ा भंग !तरुणाई की होली का एक रोचक-रोमांचक संस्मरण !यों तो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का जो सबसे आनंदप्रद भाग होता है, वह है बचपन का/ तरुणाई का/ कैशोर्य का। समस्त चिंताओं... Read more
निखिल दुबे की रिपोर्ट /निखिल ब्रह्मांड सूक्ष्म रूप में संगीत ही है। ब्रह्मांड की समस्त बस्तुएँ सूक्ष्म रूप में ऊर्जा और स्पंदन है, जिनसे निरंतर एक संगीतात्मक ध्वनि सृजित होती रहती है। अस्तु... Read more
आज बिहार दिवस है ! आज के ही दिन वर्ष १९१२ में बंगाल से अलग कर बिहार का निर्माण किया गया था। भारत के मानचित्र बदलने वाली इस ऐतिहासिक घटना के पीछे घटित हुई महान संघर्ष कथा और उसके महानायकों को... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /विधाता ब्रह्मा ने अपनी सुख-निद्रा में जो साँसें छोड़ीं उनसे नारी की उत्पत्ति हुई है ! यदि संसार में विधाता की यह कृति न होती, तो संसार में होता ही क्या? संसार क... Read more