पटना, ३० जून। नागार्जुन एक जीवंत कवि थे। बल्कि यह कहना चाहिए कि वे ‘कविता’ की ‘संज्ञा’ थे। यह उनको देख कर हीं समझा जा सकता था। संतकवि कबीर की तरह अखंड और फक्कड़! खादी... Read more
पटना, १४ जून। संगीत का मानव मन पर सबसे गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी मधुर तरंगें, स्वर लहरियाँ ऋताओं के अंतर्मन में उतरती हैं और अवचेतन मन को अपने स्पंदन से बाँध कर उसे पुलकनकारी आनंद से विभोर... Read more
पटना, ७ दिसम्बर। हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार तथा आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों के निदेशक रहे डा मधुकर का कल संध्या दिल्ली में निधन हो गया। ८ उपन्यासों, ८ कथा संग्रह, ४ कविता संग्रह, ३ संस्मरण... Read more
पटना /शीघ्र ही देश की एक राष्ट्रभाषा घोषित हो, जो हिन्दी हो और लिपि देवनागरी साहित्य सम्मेलन के १०१वें स्थापना देश की अपनी कोई राष्ट्रभाषा नही होती, वह देश कंठ में स्वर रख कर भी गूँगा होता ह... Read more
पटना, २३ सितम्बर। “चिंतकों और कवियों के वर्ष ‘शताब्दियों अथवा अर्द्ध-शताब्दियों में गिने जाते हैं। और, इसकी भी क्या चिंता कि स्थूल मनुष्य की ओर से पीटे जाने वाले भीषण पटह के विकर... Read more
पुण्य स्मृति दिवस (३ सितम्बर) पर विशेष साहित्य सम्मेलन के प्रथम सभापति थे पं जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी डा अनिल सुलभ.खड़ी बोली हिन्दी की प्रथम पीढ़ी के महान कवियों और भाषाविदों में अग्रपांक्ते... Read more
आजादी के जश्न में साहित्य प्रेमी और बिहारवासी डूब चुके है. हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सुलभ ने सम्मेलन परिसर में झंडोत्तोलन किया। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार बहुत कम सा... Read more