पटना, २० अक्टूबर। मैथिली और हिन्दी के विलक्षण साहित्यकार और कोशकार पं गोविन्द झा एक ऐसे एकांतिक साधक थे, जिन्होंने न केवल अपनी आयु के सौ वर्ष पूरे किए, अपितु अपनी आयु के अनुकूल विपुल साहित्य... Read more
पटना, ७ मई। ‘एक राष्ट्र और एक राष्ट्रभाषा’ के लिए संघर्ष के संकल्प के साथ बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय ४२वाँ महाधिवेशन भव्यता के साथ संपन्न हो गया। सृजन के नव-उत्साह,... Read more
पटना, १५ अप्रैल। १९ अक्टूबर १९१९ को मुज़फ़्फ़रपुर में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना हुई थी। तबसे अगले १७ वर्षों तक यह संस्था उदारमना प्रबुद्धजनों के सहयोग से निःशुल्क अथवा किराए पर... Read more
पटना, ८ मार्च। महाकवि काशीनाथ पाण्डेय एक महान भाषा-विद और काव्य-साहित्य में अपने विलक्षण प्रयोगों से चमत्कृत कर देने वाले सच्चे अर्थों में ‘अक्षर-पुरुष’ थे। उन्हें अनेक भाषाओं के... Read more
पटना, २८ मार्च। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने एक प्रतिनिधि मण्डल के साथ मंगलवार की संध्या बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से भेंट की तथा उन्हें... Read more
पटना, २६ मार्च। रविवार की संध्या साहित्य-सम्मेलन की कवयित्रियों के नाम रही, जब स्त्री-मन के विविध रूपों और उनके संवेगों को अभिव्यक्ति देने वाली विभिन्न भावों की कविताओं और गीत-ग़ज़लों का लम्... Read more
पटना, २५ मार्च। राज्य के रूप में बिहार की स्थापना के सूत्र-नायक थे मुक्त-छंद के पुरोधा कवि, पत्रकार और संपादक बाबू महेश नारायण। उनके ही हृदय में हुए, ‘बिहारी-सम्मान’ के महा-विस्फ... Read more
पटना, ११ मार्च। इस वर्ष आहूत होने वाला बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय ४२वाँ महाधिवेशन आगामी २९-३० अप्रैल को आयोजित होगा। बिहार के सभी ज़िलों से अधिकतम पाँच-पाँच प्रतिनिधि भाग ले स... Read more
पटना, २७ फरवरी। प्रयाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अमृत महोत्सव (७५वाँ) राष्ट्रीय अधिवेशन, अगले वर्ष के मार्च महीने में बिहार में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय सम्मेलन की स्थायी समिति ने विगत २... Read more
पटना, १६ फरवरी। स्वयं अथवा ईश्वर के निकट पहुँचने का सबसे सरल मार्ग है भक्ति। प्रेम जब अपनी पराकाष्ठा पर पहुँचता है, तब भक्ति का उदय होता है। प्रेम का गहरा सबंध विश्वास से है। आस्था उसी गहरे... Read more
पटना, १४ फरवरी। विज्ञान के प्राध्यापक और हिन्दी के साहित्यकार प्रो रमेश पाठक के साहित्य में उनका वैज्ञानिक चिंतन अपनी पूरी महिमा के साथ लक्षित होता है। पाठकों को उनके पद्य में, काव्य-साहित्य... Read more
पटना, ८ फरवरी। समाज के कठोर यथार्थ को, उसके उसी नंगे रूप में प्रस्तुत करती हैं बाँके बिहारी की कहानियाँ। उनकी कुछ कहानियाँ प्रसिद्ध नाटककार विजय तेंदुलकर के बहुचर्चित नाटक ‘सखाराम बाइं... Read more