पटना, १५ सितम्बर। हिन्दी शीघ्र ही ‘भारत की राष्ट्र-भाषा’ बनायी जाए इस मांग तथा इसके लिए अनिश्चित क़ालीन संघर्ष जारी रखने के संकलप के साथ, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, विगत १... Read more
पटना, ९ सितम्बर। हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में बिहार के साहित्यकारों का अन्यतम योगदान है। बिहार में ही हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास लिखा गया। आरा के यशस्वी साहित्यकार ब्रजनंदा सहाय... Read more
पटना ब्यूरो , ६ अगस्त। हिन्दी के महान उन्नायकों में से एक महाकवि रामदयाल पाण्डेय न केवल एक महान स्वतंत्रता-सेनानी, तेजस्वी पत्रकार और राष्ट्रीय भाव के महाकवि ही थे, बल्कि सिद्धान्त और आदर्शो... Read more
पटना, २७ नवम्बर। जीवन के प्रति सकारात्मक राग, प्रेम और दर्शन के कवि हरिवंश राय बच्चन की ‘मधुशाला’ परम चेतना की ओर एक सूक्ष्म संकेत है। वह कोई मद्यपों का स्थल नहीं, अपितु आनन्द के... Read more
पटना, ५ नवम्बर। महाकवि पं मोहनलाल महतो’वियोगी’ आधुनिक हिन्दी साहित्य के निर्माताओं में से एक और बीसवीं शताब्दी के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों में अग्र-पांक्तेय थे। उनकी सा... Read more
पटना, ८ अक्टूबर। खड़ी बोली हिन्दी की प्रथम पीढ़ी के महान कवियों और भाषाविदों में अग्रपांक्तेय विद्वान पं जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रथम सभापति थे। वे हिन्दी... Read more
पटना, १४ अगस्त। “जो खद के लिए जिए वो इंसान क्या जिया/ जो देश पर मिटे उसे सौ-सौ सलाम कहना।”– “पिया बनिता तू सेना के सिपाही, त हमहु गुमान करती”—- “होते हरिश्चचन्द... Read more
पटना, ९ अगस्त। फ़क़ीरी की ज़िंदगी जीने वाले हिन्दी के महान साहित्य सेवी आचार्य शिव पूजन सहाय का साहित्यिक व्यक्तित्व हिमालय की तरह ऊँचा था। गीतों के राज कुमार थे नेपाली। उनके गीत हिमशिखर से... Read more
पटना, ६ अगस्त। महाकवि रामदयाल पाण्डेय न केवल एक महान स्वतंत्रता-सेनानी, ओज और राष्ट्रीय भाव के महाकवि, तेजस्वी पत्रकार और हिन्दी के महान उन्नायकों में से एक थे, बल्कि सिद्धांत और आदर्शों से... Read more
पटना, १६ जुलाई। स्मृति शेष कवि घनश्याम छंद पर अधिकार रखने वाले एक गम्भीर और संवेदनशील शायर थे। उनकी शायरी में जमाने का दर्द भी था और उसकी दवा भी थी। उनका भाव-पक्ष भी श्रेष्ठ था और कला-पक्ष भ... Read more
पटना, ९ अगस्त। काव्य-सृजन के लिए आवश्यक भाव-संपदा से अत्यंत संपन्न और विदुषी कवयित्री हैं डौली बगड़िया ‘अनिल’। इनकी रचनाओं में नारी-मन की सुमधुर और मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्ति मिलती... Read more
पटना, ७ जुलाई। संस्कृत और हिन्दी के उद्भट विद्वान आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा अलंकार-शास्त्र के भी महापण्डित थे। उन्हें पुरातन भारतीय ज्ञान का नूतन संस्करण भी कहा जा सकता है। भारतीय दर्शन और वै... Read more