पटना, ११ फरबरी। सर्वश्रेष्ठ विज्ञान-कथा धारावाहिक के रूप में प्रसार-भारती, भारत सरकार से पुरस्कृत और आकाशवाणी, पटना से प्रसारित धारावाहिक ‘वेव एलियंस’ के लेखक डा रमेश पाठक का इसी... Read more
पटना, २५ जनवरी। स्त्रियों पर होते आ रहे अत्याचार के हर प्रसंग पर स्त्रियों को ही दोषी ठहराने की विद्रुप मानसिकता पर कड़े सवाल करते नाटक ‘साग मीट’ की बेहतरीन प्रस्तुति शनिवार को ब... Read more
पटना, १८ जनवरी। बिहार में हिन्दी भाषा के सबसे बड़े ध्वज-वाहक थे डा लक्ष्मी नारायण सुधांशु। उनके ही प्रयास से बिहार की यह राजकीय भाषा बनी। ‘राष्ट्र भाषा परिषद’ और ‘हिन्दी प्... Read more
पटना, १५ सितम्बर। हिन्दी शीघ्र ही ‘भारत की राष्ट्र-भाषा’ बनायी जाए इस मांग तथा इसके लिए अनिश्चित क़ालीन संघर्ष जारी रखने के संकलप के साथ, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, विगत १... Read more
पटना, ९ सितम्बर। हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में बिहार के साहित्यकारों का अन्यतम योगदान है। बिहार में ही हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास लिखा गया। आरा के यशस्वी साहित्यकार ब्रजनंदा सहाय... Read more
पटना ब्यूरो , ६ अगस्त। हिन्दी के महान उन्नायकों में से एक महाकवि रामदयाल पाण्डेय न केवल एक महान स्वतंत्रता-सेनानी, तेजस्वी पत्रकार और राष्ट्रीय भाव के महाकवि ही थे, बल्कि सिद्धान्त और आदर्शो... Read more
पटना, २७ नवम्बर। जीवन के प्रति सकारात्मक राग, प्रेम और दर्शन के कवि हरिवंश राय बच्चन की ‘मधुशाला’ परम चेतना की ओर एक सूक्ष्म संकेत है। वह कोई मद्यपों का स्थल नहीं, अपितु आनन्द के... Read more
पटना, ५ नवम्बर। महाकवि पं मोहनलाल महतो’वियोगी’ आधुनिक हिन्दी साहित्य के निर्माताओं में से एक और बीसवीं शताब्दी के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों में अग्र-पांक्तेय थे। उनकी सा... Read more
पटना, ८ अक्टूबर। खड़ी बोली हिन्दी की प्रथम पीढ़ी के महान कवियों और भाषाविदों में अग्रपांक्तेय विद्वान पं जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रथम सभापति थे। वे हिन्दी... Read more
पटना, १४ अगस्त। “जो खद के लिए जिए वो इंसान क्या जिया/ जो देश पर मिटे उसे सौ-सौ सलाम कहना।”– “पिया बनिता तू सेना के सिपाही, त हमहु गुमान करती”—- “होते हरिश्चचन्द... Read more
पटना, ९ अगस्त। फ़क़ीरी की ज़िंदगी जीने वाले हिन्दी के महान साहित्य सेवी आचार्य शिव पूजन सहाय का साहित्यिक व्यक्तित्व हिमालय की तरह ऊँचा था। गीतों के राज कुमार थे नेपाली। उनके गीत हिमशिखर से... Read more
पटना, ६ अगस्त। महाकवि रामदयाल पाण्डेय न केवल एक महान स्वतंत्रता-सेनानी, ओज और राष्ट्रीय भाव के महाकवि, तेजस्वी पत्रकार और हिन्दी के महान उन्नायकों में से एक थे, बल्कि सिद्धांत और आदर्शों से... Read more