पटना, १३ अगस्त। विदुषी कवयित्री श्रीमती मधु रानी लाल ने अपनी अनवरत जारी शब्द-साधना से ‘दोहा-छंद’ पर सिद्धि प्राप्त करने में सफल हुईं हैं। उन्होंने अपने बहु-प्रतीक्षित दोहा-संकलन... Read more
पटना, २७ जुलाई। सम्मेलन के ४२वें महाधिवेशन की व्यापक सफलता के उपलक्ष्य में आगामी ३० जुलाई को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में ‘आनंदोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महाधिवेशन म... Read more
पटना, ३० जून। नागार्जुन एक जीवंत कवि थे। स्वयं में ही एक संपूर्ण काव्य । यह उनको देख कर ही समझा जा सकता था। संतकवि कबीर की तरह अखंड और फक्कड़! खादी की मोटी धोती और गंजीनुमा कुर्ता! वह भी मोट... Read more
पटना, ११ जून। नवोदित लेखकों को भाषा के प्रति सचेत रहना चाहिए। शब्दों के प्रयोग के पूर्व उन्हें चाहिए कि वे उनका अर्थ और लिंग को अवश्य जान लें। यही शब्द की साधना है। कोई लेखक केवल अनुमान के आ... Read more
पटना, ६ अगस्त। “धरती ओढ़ी हरी चुनरिया, हे सखि ! सावन आयो रे !” — “तुम क्षितिज पर सूर्य हो, मै धूप हल्की गुनगुनी हूँ”, जैसी मधुर भावों से युक्त गीत-ग़ज़लों से कवयित्रि... Read more