पटना, १८ जनवरी। हिन्दी भाषा के उन्नयन में भारत के जिन महानुभावों ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, उनमें एक अत्यंत आदरणीय नाम डा लक्ष्मी नारायण सिंह ‘सुधांशु’ जी का है। वे बिहार... Read more
पटना, ६ जुलाई। “रोज़ पाबंदियाँ लगाते हैं/ वो मेरे हौसले बढ़ाते हैं—ज़रा सी बाढ़ आते ही लगे जो तोड़ने सीमा/ वो कोई ताल है उथला/ समंदर हो नही सकता ——-ये तेरी दास्ताँ है... Read more
पटना, ३ जुलाई। “अपनी ख़्वाहिश के परींदे पर निशाना रखना/ ज़िंदगी का जो सफ़र है सुहाना रखना—- गुलों से बात करने में जो बेअदबी करते हैं/ नीयत में उनके ईश्वर नुक़िले खाद देता है... Read more