पटना, कोरोना के कारण टल गए बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का शताब्दी-समारोह इस वर्ष के सितम्बर माह में भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा। इसे अंतर्रष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए, भारतवर्ष के मनीषी व... Read more
पटना,१२ मई। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने ( जहाँ प्रधानमंत्री जी के लिए आपातकालीन सुरक्षित क्षेत्र बनाया गया है) प्रधानमंत्री से उनकी इस यात्रा में “हिन्दी” को “भारत की राष्ट्रभाषा” घोषित... Read more
पटना, १ अगस्त। भारत के मानचित्र पर ‘बिहार’ का नाम भी अंकित हो, इस हेतु महा-संग्राम का प्रथम शंख-नाद करने वाले बाबू महेश नारायण ‘बिहारी-अस्मिता’ के जागरण का प्रतीक ही... Read more
CIN -पटना, ९ जून। रक्षा लेखा नियंत्रक के पटना कार्यालय में वरिष्ठ अनुवादक और विदुषी लेखिका डा सुलक्ष्मी कुमारी नही रहीं। गत बुधवार की संध्या एक सड़क-दुर्घटना में उनकी असामयिक और दुखद मृत्यु... Read more
पटना, ५ जून। “दिल था तो ज़ख़्म भी था, कुछ कम न था / तुम सा जो हकीम था कुछ ग़म ना था ।”——- “कभी मुस्कुराने को जी चाहता है / कभी रो जाने का जी चाहता है!”ऐसी ही मर्म-स्पर्शी प... Read more
पटना, ६ मई। हिन्दी भले ही राष्ट्र भाषा न बनायी गयी हो, पर यही राष्ट्र की भाषा है। इसके विकास मेन हम सबको मिलकर योगदान करना चाहिए, इस भावना के साथ क यह ‘मेरा काम है, किसी और का नहीं... Read more
पटना,१० अप्रैल। स्मृति-शेष साहित्यकार गिरिजा वर्णवाल एक विदुषी लेखिका ही नहीं एक आदर्श स्त्री भी थीं। उन्होंने एक कुशल गृहिणी की तरह अपने पति स्मृति-शेष साहित्यकार नृपेंद्र नाथ गुप्त के साहि... Read more
पटना, ४ अक्टूबर । देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, कवि और पत्रकार पं माखनलाल चतुर्वेदी सच्चे अर्थों में ‘भारतीय आत्मा’ थे, जिन्हें स्वतंत्रता के लिए वलिदान की प्रेरणा के आरंभिक काव... Read more
पटना, ३१ मार्च। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के आधुनिक रूप से विकसित किए जा रहे पुस्तकालय का नाम पिछली पीढ़ी के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कवि प्रो मुरलीधर श्रीवास्तव शेखर के नाम पर रखा जाएगा। य... Read more
पटना, ५ मार्च। भारतीय लोक-मानस को आंतरिकता के साथ समझने वाले हिन्दी के दो कथाकारों का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है। वे हैं ‘प्रेमचंद्र’ और ‘रेणु’। प्रेमचंद्र की तुलना मे... Read more
पटना, १ मार्च। स्त्री के विना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। स्त्री केवल जननी ही नहीं, मानव-जीवन की ऊर्जा है। वह शक्ति है,प्रेरणा है। वह केवल और केवल श्रद्धा है। वह ब्रह्मा की सुख-निद्रा... Read more
पटना, ११ फरबरी। हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में अप्रतिम अवदान देनेवाले मनीषी विद्वान, प्रकाशक और संपादक आचार्य रामलोचन शरण ‘बिहारी’, खड़ी बोली के अभिनव गद्य शैली के प्रवर्तक... Read more