पटना, 5 अक्टूबर। महाकवि ब्रजनंदन सहाय ‘मोहन प्रेमयोगी’, हिन्दी के महान समालोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल तथा वरिष्ठ कवि मृत्युंजय मिश्र ‘करुणेश’, तीनों ही, हिन्दी साहित्य... Read more
पटना । बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थाई समिति में अगले पाँच वर्षों के कार्यकाल के लिए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने, सम्मेलन की नियमावली के नियम १४ में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करत... Read more
पटना, १९ सितम्बर। गीतों के राज कुमार गोपाल सिंह नेपाली के अत्यंत लोकप्रिय गीत “मृगनयनी पिक बैनी तेरे सामने बाँसुरिया झूठी है”, अजमल सूलतानपुरी की रचना “मुसलमां और हिंदू की... Read more
पटना, १८ सितम्बर। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का मंच आज पूरी तरह महिला साहित्यकारों को समर्पित रहा। बड़े दिनों के बाद आज सम्मेलन बिलकुल अलग तेवर और मिज़ाज में दिखा। कवयित्रियाँ भी ख़ूब मौज म... Read more
पटना, १५ सितम्बर। हिन्दी दिवस के अवसर पर बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित हिन्दी-सप्ताह और पुस्तकचौदस मेला के अंतर्गत बुधवार को भव्य कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल... Read more
पटना, १४ सितम्बर। हिन्दी दिवस के अवसर पर, आज से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में एक सप्ताह के लिए ‘पुस्तक चौदस मेला’ लगा है। इसमें साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के साथ... Read more
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष -डॉक्टर. अनिल सुलभ ने हिंदी दिवस के अवसर पर कहा और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील किया कि जिस तरह अपने विशेषाध... Read more
पटना, १३ सितम्बर। हिन्दी दिवस मनाने का औचित्य तब तक सिद्ध नही हो सकता, जबतक भारत की सरकार इसे देश की ‘राष्ट्रभाषा’ घोषित नहीं कर देती। यह स्वतंत्र भारत का अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण प... Read more
पटना, १२ सितम्बर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्वामिनी समिति, ‘स्थाई समिति’ ने, सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित डा अनिल सुलभ में, सर्व सम्मति से विश्वास व्यक्त क... Read more
पटना /बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्वामिनी समिति , ‘स्थाई समिति’ की महत्त्वपूर्ण बैठक आज (१२ सितम्बर,२१ को), अपराह्न २ बजे से । नए कार्यकाल के लिए नई कार्यसमिति के गठन समेत अनेक प्रस्ताव... Read more
पटना, १० सितम्बर। आधुनिक हिन्दी के रूप गठन में, महान साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चन्द्र का योगदान अभूतपूर्व है। विद्वान इतिहासकार मानते हैं कि ये भारतेंदु ही थे जिन्होंने ‘हिन्दी’ क... Read more
पटना, ७ सितम्बर। हिन्दी और भोजपुरी के युवा साहित्यकार रजनीश कुमार गौरव, कोमल भावनाओं से युक्त एक संवेदनशील और संभावनावान सुकवि हैं। इनकी प्रथम काव्य-कृति ने ही सिद्ध कर दिया है कि कवि की भाव... Read more