पटना, ६ अप्रैल। ‘राम नवमी’ को ही धरा पर अवतरित होने वाले स्तुत्य साहित्यकार पं विलास बिहारी झा के गीत मर्म को गहरे तक स्पर्श करते हैं। वे पद्य और गद्य पर समान अधिकार रखते थे। बाल... Read more
पटना, ४ अप्रैल। “चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ!— मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक!, मातृ-भूमि पर शीष चढ़ाने जिस पथ जावें वीर अनेक !”, ऐसी गहरी रा... Read more
पटना, ३१ मार्च। हिन्दी काव्य में प्रयोगवादी विचारों के पोषक थे प्रो केसरी कुमार। आचार्य नलिन विलोचन शर्मा तथा श्री नरेश के साथ उन्होंने एक नए प्रयोगवाद को जन्म दिया, जिसे ‘प्रपद्यवाद... Read more
पटना, 30 मार्च । पर्यावरण बचेगा तो धरती भी बचेगी और इस पर जीवन भी बचेगा। आज पूरे विश्व की यही चिन्ता है कि विविध प्रकार के प्रदूषणों से पर्यावरण की हो रही क्षति जैव विविधता के अस्तित्व पर घो... Read more
पटना, २५ मार्च। भारत की गेय साहित्य की महान परंपरा में, हिन्दी गीत के प्रतिनिधि कवि हैं पं बुद्धिनाथ मिश्र, जिनकी रचनाओं का मूल स्वर प्रेम और ऋंगार है। मिश्र जी के गीतों में वासंती-हवा और आम... Read more
पटना, २४ मार्च। अंतर्राष्ट्रीय मंचों के लोकप्रिय कवि पं बुद्धिनाथ मिश्र ने जैसे ही अपने गीत की ये पंक्तियाँ पढ़ी कि- “-ज़रूरत क्या तुम्हारे रूप को ऋंगार करने की! किसी हिरणी ने अपनी आँख मेन क... Read more
पटना, २३ मार्च । बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४४वाँ महाधिवेशन हिन्दी के यशस्वी कवि डा हरिवंश राय बच्चन को समर्पित होगा। दो दिवसीय इस महाधिवेशन के मुख्य अतिथि हिन्दी सिनेमा के महानायक अमित... Read more
पटना, २३ मार्च । बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४४वाँ महाधिवेशन हिन्दी के यशस्वी कवि डा हरिवंश राय बच्चन को समर्पित होगा। दो दिवसीय इस महाधिवेशन के मुख्य अतिथि हिन्दी सिनेमा के महानायक अमित... Read more
पटना, २३ मार्च । बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४४वाँ महाधिवेशन हिन्दी के यशस्वी कवि डा हरिवंश नारायण बच्चन को समर्पित होगा। दो दिवसीय इस महाधिवेशन के मुख्य अतिथि हिन्दी सिनेमा के महानायक अ... Read more
पटना, १७ मार्च। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की कार्यसमिति में एक संक्षिप्त परिवर्तन किया गया है। सुप्रसिद्ध साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी को सम्मेलन का नया साहित्यमंत्री बनाया गया है। सम... Read more
पटना, १२ मार्च। अमेठी से पधारी अखिल भारतीय मंचों की सुचर्चित और सुकंठी शायरा संदल अफ़रोज़ ने जैसे ही यह शेर पढ़ा कि “वफ़ा का दीप जलाना है क्या किया जाय? ख़िलाफ़ सारा जमाना है क्या किया जाए?/... Read more
पटना, ११ मार्च। जो व्यक्ति अपने जीवन से समाज में आदर्श की स्थापना करते हैं, उनकी जीवनी आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्ग-दर्शिका और प्रेरणा-दायिनी हो जाती है। जीवन में सफल व्यक्ति समाज को प्रेर... Read more