प्रिया सिन्हा, संपादक
तीस हजारी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस को दोहरा बड़ा झटका लगा है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने ना सिर्फ पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया, बल्कि साकेत कोर्ट के बाहर वकील की पिटाई मामले में पुलिस को एफआईआर की इजाजत भी नहीं दी।
अदालत ने साफ कहा कि तीन नवंबर को दिया गया फैसला यथावत रहेगा। वहीं, आज यानी कि 6 नवंबर, 2019 को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। यही नहीं, हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें साकेत कोर्ट मामले में शामिल वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की इजाजत मांगी गई थी।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने तीन नवंबर को दिए गए हाईकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि तीन नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा, तीन नवंबर को दिए आदेश को स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है, वह अपने आप में पूरी तरह स्पष्ट है।
दूसरी ओर, दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार (2 नवंबर) को वकीलों और पुलिसवालों के बीच हुई हिंसक झड़प ने बुधवार को उग्र रूप अख्तियार कर लिया था। मंगलवार को जहां हजारों पुलिसवालों ने दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन किया तो वहीं दो नवंबर के बाद से चल रहे वकीलों के प्रदर्शन ने भी जोर पकड़ लिया।
वकीलों ने दिल्ली की तीन बड़ी अदालतों के बाहर भी खूब प्रदर्शन किया। छह में से तीन अदालतों (पटियाला हाउस कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, साकेत कोर्ट) का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा और साथ ही वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा तक बंद कर दिया।
बताते चलें कि साकेत कोर्ट और रोहिणी कोर्ट के बाहर भी वकीलों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने कोर्ट परिसर के अंदर किसी को भी जाने नहीं दिया और तो और आम लोगों को इस परेशानी का सामना भी करना पड़ा।