ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-81 निवासी विक्रम हत्याकांड का आरोपी कुलदीप पुत्र उदयवीर पुलिस अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। कुलदीप को मिग्री का दौरा पड़ने के कारण विगत 23 अक्टूबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी निगरानी के लिए चार पुलिस कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई थी। फरीदाबाद पुलिस आयुक्त के.के. राव ने लापरवाही बरतने के आरोप में चारों कांस्टेबल बाबूलाल, बलवान, अमीन और रमेश को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही मामले की विभागीय जांच एसीपी क्राइम अनिल कुमार को सौंप दी गई है। हापुड़ के नवादा कलां गांव निवासी कुलदीप को विक्रम हत्याकांड के आरोप में जुलाई 2018 में भूपानी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। टैक्सी ड्राइवर विक्रम की हत्या पैसों के विवाद में की गई थी। गिरफ्तारी के बाद से ही कुलदीप नीमका जेल में बंद था। जेल प्रशासन के अनुसार, विगत काफी समय से वह बीमार चल रहा था। उसे मिग्री का दौरा भी पड़ता था। नीमका स्थित जिला जेल के अस्पताल में उसका उपचार न होने के कारण उसे 23 अक्टूबर को बीके सिविल अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था। यहां से उसे दिल्ली सफदरजंग रेफर कर दिया गया था। नीमका जेल प्रशासन ने बताया कि 23 अक्टूबर को उसे दौरा पड़ा था। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां पुलिस अभिरक्षा में उसका उपचार चल रहा था। रात के समय वह मौका देखते ही पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। बंदी के फरार होने की सूचना मिलते ही वहां मौजूद गार्द के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने इसकी सूचना तुरंत पुलिस के आलाधिकारियों को दी। इसके बाद पुलिस टीम उसे दोबारा पकड़ने के लिए सक्रिय हो गई है। उधर, पुलिस आयुक्त केके राव ने बंदी कुलदीप की अभिरक्षा में तैनात किए गए चारों कांस्टेबल बाबूलाल, बलवान, अमीन और रमेश को निलंबित कर दिया है।
कौशलेन्द्र