प्रिया सिन्हा, संपादक
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स संसद मार्च करने में जुटे हुए हैं। बता दें कि सुबह 10 बजे से हजारों की संख्या में मार्च पर निकले छात्रों की पुलिस से झड़प भी हुई, जिनमें कई घायल हो गए। गौरतलब है कि, दिल्ली पुलिस ने मानव संसाधन मंत्रालय से बातचीत कराने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन अपनी मांगों पर अड़े छात्रों का धरना प्रदर्शन अब भी जारी है।वहीं, इससे पहले जेएनयू गेट पर लगाए गए तीन बैरिकेड को छात्रों ने तोड़ डाला जिसके बाद करीब दो घंटे के संघर्ष के बाद छात्रों ने बेर सराय के बैरिकेड को भी तोड़ दिया था। इसके बाद छात्रों का मार्च भीकाजी कामा प्लेस फ्लाईओवर तक जा पहुंचा था, जहां छात्र संसद की ओर बढ़ रहे हैं. अभी छात्रों को सफदरजंग टॉम्ब के पास रोक दिया गया।अब तक की मिली जानकारी के मुताबिक जेएनयू छात्र संघ के सदस्य मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव से मिलेंगे और फीस बढ़ोतरी को लेकर अपनी बात रखेंगे। दूसरी ओर अगर पुलिस की रणनीति की बात करें तो उनका एक ही मकसद है कि रास्ता खाली कराकर ट्रैफिक को नॉर्मल किया जाए। यही नहीं, छात्रों को हटाने से पहले इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद कर दी गईं।आपको कन्हैया कुमार तो ज़रूर से याद होंगे… उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ट्रिलियन देश की इकनॉमी बनेगी और एक यूनिवर्सिटी के लिए क्यों कुछ नहीं हो सकता, टैक्स के पैसे से नेता मौज उड़ाएं तो कुछ नहीं, लेकिन देश को शिक्षा और इलाज फ्री में मिले तो उससे आपत्ति है…बताते चलें कि JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि देश के नेता मौज करें तो वो ठीक, नेता संसद में फ्री में खाएं तो वो ठीक है, लेकिन छात्र फीस से राहत की मांग करें तो बुरा है? जेएनयू में गरीब छात्र पढ़ते हैं इसलिए फीस बढ़ाई नहीं जानी चाहिए।दोस्तों आप भी अपने राय सीआईएन के कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं कि क्या फीस में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए या नहीं.