पटना, कौशलेन्द्र पाण्डेय
बिहार में महात्मा गांधी को लाने वाले ऐतिहासिक चंपारण सत्याग्रह के अग्रदूत पं राज कुमार शुक्ल का चित्र बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्षीय कक्ष में लगाया गया है। आकर्षक ढंग से मँढ़ाए गए पं शुक्ल का चित्र, उनके दौहित्र (नाती) और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पं रवि भूषण राय ने सम्मेलन अध्यक्ष को भेंट किया।
डा सुलभ ने श्री राय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि, जिस प्रकार महात्मा गांधी ने अपनी लेखनी और विचारों से हिन्दी की बड़ी सेवा की, उसी तरह पं शुक्ल ने भी देश की सेवा के साथ हिन्दी की भी सेवा की। उनकी चर्चित डायरी से उनके भाषा–ज्ञान की ऊँचाई का पता चलता है। उनकी भाषा अत्यंत मर्म–स्पर्शी और साहित्यिक थी। उन्होंने जो पत्र गांधी जी को लिखा था, वह अपने आप में एक साहित्यिक दस्तावेज़ है। साहित्य सम्मेलन में उनका चित्र लगाया जाना प्रासंगिक भी है और गौरवशाली भी। इससे अगली पीढ़ियाँ प्रेरणा पाती रहेंगी।
इस अवसर पर सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्त, कवि योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, आनंद मोहन झा, कृष्ण रंजन सिंह, आनंद किशोर मिश्र, नेहाल कुमार सिंह ‘निर्मल‘, अमित सिंह आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।