मुंबई, कौशलेन्द्र पाण्डेय
महाराष्ट्र में भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर सामने आ गया है। बता दें कि कल रात तक जहां यह खबर आ रही थी कि उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री बनेंगे तो वहीं, सुबह होते ही राजनीति का पासा बीजेपी ने पलट दिया।
यही नहीं, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 23 नवंबर की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ भी दिला दी औऱ साथ ही अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की। और तो और जब यह खबर सामने आई तो महाराष्ट्र की राजनीति में मानो भूकंप सा आ गया। गौरतलब है कि अजित पवार का एनसीपी का दामन छोड़ बीजेपी के साथ जाना बेहद चौंकाने वाला साबित हुआ।
दरअसल, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कल तक अजित पवार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने वाले थे… यही नहीं, अजित पवार तीनों पार्टियों की बैठक में भी शामिल हुए थे… लेकिन चौंका देने वाली बात यह हुई कि रात 12.30 बजे ऐसा क्या हुआ और कैसे एक चिट्टी ने महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, तीनों दलों की बैठक के बाद भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर एक चिट्ठी के जरिए ही रचा गया है। बता दें कि रात साढ़े बारह बजे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सरकार बनाने का दावा उन्होंने पेश किया। फिर इसके बाद राज्यपाल ने रात में ही केंद्र से सरकार बनाने की सिफारिश की और राष्ट्रपति शासन हटाने और शपथ लेने का वक्त सुबह सात बजे का तय कर लिया। इसी के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 23 नवंबर, 2019 की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।
बस इस खबर की आने भर की देर थी और जब यह सामने आई तो राजनीति में भूचाल मच गया। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस पूरे राजनीतिक उलटफेर में प्रफुल्ल पटेल ने बड़ी भूमिका निभाई है। हालांकि, अब तक उनकी ओर से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अजित पवार के खेमे के विधायकों ने उन्हें विधायक दल का नेता भी चुन लिया है और वहीं, अजित पवार का कहना है कि उन्होंने शरद पवार को पहले ही सबकुछ बता दिया था।
तो वहीं, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने सीधे यह आरोप लगाया है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायक दल की चिट्ठी का अजित पवार ने गलत इस्तेमाल किया है और उन्होंने धोखा देते हुए विधायक दल के समर्थन की चिट्ठी को राज्यपाल को सौंप दिया।