प्रिया सिन्हा, संपादक
बिहार के पूर्व स्वास्थ्य एवं वन पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ने ब्रज के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया और वहां का हालात देख बेहद दुखी हो गए हैं। बता दें कि लक्ष्मण प्रसाद शर्मा के साथ मोती कुंड के दर्शन करने को पहुंचे तेजप्रताप यादव ने इस दौरान पौराणिक कुंड की दुर्दशा को देख कर प्रदेश की योगी सरकार को कोसना शुरू कर दिया।
पूर्व मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि योगी का यह कैसा तीर्थस्थल है… जहां लीला पुरुषोत्तम योगीराज श्रीकृष्ण की लीला स्थलियों की अनदेखी की जा रही है। लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने मोती कुंड के महत्व के संबंध में यह कहा कि जब श्रीकृष्ण की वृषभानु नंदिनी श्रीराधा रानी के साथ सगाई हुई। सगाई में राजा वृषभानु ने नंदबाबा को सगुन में मोतियों के हार भेजे थे, और मोतियों के हारों को देख कर नंदराय चिंतित हो गए। उन्होंने सोचा कि राजा वृषभानु को हम सगुन में क्या भेजें। बाबा की चिंता देख कर लाला श्रीकृष्ण ने जब नंदबाबा से पूछा बाबा आप क्यों चिंतित हो रहे है। यही नहीं, तब लाला को बाबा ने पूरी बात बताई। लाला ने कहा कि हम मोती की खेती कर लेंगे। इससे हम वषभानु को सगुन में 10 गुने मोतियों के हार भेज देंगे। इसी कुंड में श्रीकृष्ण ने मोतियों की खेती की। तेजप्रताप यादव ने कहा कि ऐसे दिव्य एवं प्राचीन मोती कुंड की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले दिवाली के मौके पर भी लालू यादव के पुत्र तेजप्रताप यादव काफी दिनों तक ब्रज की धरती पर रुके थे। यहां तेजप्रताप यादव अपने साथियों के साथ छोटी दिवाली पर वृंदावन पहुंचे थे। दिवाली का पर्व उन्होंने वृंदावन में मनाया। इसके बाद गोवर्धन पूजा पर रमेश बाबा की 84 कोस ब्रजयात्रा में शामिल हुए और उन्होंने विधि-विधान से गोवर्धन पूजा की।
बताते चलें कि हाल ही में तेजप्रताप यादव अपनी पत्नी ऐश्वर्या पर अत्याचार और उनसे तलाक लेने की खबर के कारण काफी सुर्खियों में थे।
जोगी सरकार के मंत्री श्री कांत शर्मा ने कहा की तेजप्रताप को खुद गीता ज्ञान लेना चाहिए और अपने पिता को गीता ज्ञान जेल मे जाकर देना चाहिए.