पटना-रजनीश कुमार,
बिहार विधानसभा में विपक्ष ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर मंगलवार को हंगामा किया। विपक्ष ने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं किये जाने के लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने की मांग पर हंगामा किया। हंगामे के बीच कुछ विधायी कार्यों को संपन्न किये जाने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने पर कांग्रेस, राजद व भाकपा-माले के विधायकों ने एनआरसी मुद्दे पर अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्षी सदस्य मांग कर रहे थे कि केंद्र सरकार को एनआरसी को वापस ले लेना चाहिए। एनआरसी बिहार में लागू नहीं किये जाने व इसके यहां कार्यान्वयन पर रोक लगाने के लिए सदन एक प्रस्ताव पारित करे। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे उचित समय पर इस मुद्दे को उठाए जाने पर सरकार से जवाब मांगेंगे। लेकिन इसके बावजूद विपक्षी विधायक नारेबाजी करते रहे। विपक्षी दलों के विधायकों द्वारा नारेबाजी जारी रखने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्र दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले तीनों विपक्षी दलों के सदस्यों ने एनआरसी को वापस लेने के लिए सदन के बाहर प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों ने एनआरसी को वापस लेने के साथ ही राज्य सरकार से एनआरसी के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करने की मांग की। सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने सीएम नीतीश कुमार पर भाजपा की गोद में बैठे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में एनआरसी के कार्यान्वयन को लेकर उन्हें स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। सदन से यह प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जाएगा। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है तो विपक्ष राज्य सरकार के साथ होगा। सदन की कार्यवाही भोजनवाकाश के बाद शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी। इस बीच अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा पेश बिहार माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2019 और बिहार काराधान विवाद समाधान विधेयक 2019 को ध्वनि मत से पारित घोषित करने सहित अन्य विधायी कार्यों को संपन्न कर सदन की कार्यवाही बुधवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।