उन्नाव-कौशलेन्द्र पाण्डेय,
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मृतका को खेत में दफनाने पहुंचे भाई और पिता के आंखों से निकलते आंसूओं को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई। कब्र में बेटी और बहन को दफन करने के दौरान पिता और भाई के साथ वहां उपस्थित पूरी भीड़ में दु:ख की लहर दौड़ गई। मंत्री, कमिश्नर, आईजी, डीएम से लेकर सभी लोग पूरी तरह से मौन हो गए और उनके गमो को अपनी तसल्ली से शांत कराते रहे।
कब्र में बहन को दफन करने के बाद पीड़िता के भाई ने कहा कि यह कभी नहीं सोचा था कि डोली उठाने वाले हाथों से अपनी बहन को इस तरह कफन में लपेटकर दफन करना होगा। कहा कि ऐसी पीड़ा से पूरा परिवार टूट गया है। बोला दिल्ली के अस्पताल में आईसीयू पर लेटी बहन ने जब मेरे कानों पर कहा कि भईया अब अंतिम घड़ी आ गई है और तुम मेरे आरोपियों को छोड़ना नहीं तो मेरी रूह कांप उठी। उसने कहा कि शासन प्रशासन से जो मांगों को पूरा करने की बात कही जा रही है। उनके पूरे परिवार से इस पर कोई आवाज नहीं उठाई गई।
उसने कहा कि उन्हें आर्थिक मदद, नौकरी, और सुरक्षा जैसी मांगों से काफी बढ़कर मेरी बहन की जिंदगी थी। जिसे इन दरिंदो ने मिटा दिया। कहा कि जब तक मेरी बहन के आरोपियों को फांसी नहीं हो जाती है तब तक उसकी बहन की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। भाई के जुंबा से निकलते इन अल्फाजों को सुनकर वहां सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों के चेहरे मायूस हो गए। सभी ने उसका ढांढ़स बंधाते हुए आरोपी को उचित सजा मिलने की उम्मीद जताई।