कौशलेन्द्र पाण्डेय,
उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म केस में दिल्ली कोर्ट ने सोमवार को विधायक कुलदीप सेंगर को दुष्कर्म और अपहरण का दोषी ठहराया। तीस हजारी कोर्ट ने 10 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रखा था। भाजपा से निष्कासित सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। करीब ढाई साल के घटनाक्रमों के चलते पीड़ित एम्स में भर्तीहै। उसके पिता-चाची-मौसी की मौत हो चुकी है, जबकि चाचा जेल में हैं।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया. कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं. कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?
तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर और शशि सिंह को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया है.
इस केस में कुल 5 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें से एक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला,और पीड़िता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल है.
जून 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता का अपहरण करके बलात्कार किया गया था. इस दौरान वह नाबालिग थी. यूपी के बांगरमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था.