रजनीश कुमार,
झारखंड में पांचवें और आखिरी चरण के विधानसभा चुनाव में गुरुजी यानी शिबू सोरेन के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। चार चरणों में 65 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है और अब बाकी बची 16 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की ‘फर्स्ट फैमिली’ का लिटमस टेस्ट होना है। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी पूरी तरह मोदी मैजिक के भरोसे है। पांचवें राउंड में 20 दिसंबर को मतदान है।इस चरण में संथाल क्षेत्र की सीटों पर वोटिंग होनी है, जहां सोरेन परिवार के दो सदस्य चुनावी मैदान में हैं। जेएमएम अध्यक्ष और सीएम के दावेदार माने जा रहे हेमंत सोरेन दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं- दुमका और बरहैट। उनकी भाभी सीता सोरेन जामा विधानसभा सीट से चुनावी समर में उतरी हैं। ये तीनों सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।2014 के चुनाव में हेमंत ने बरहैट सीट से तकरीबन 24 हजार वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन वह बीजेपी के लुइस मरांडी से दुमका में हार गए थे। बरहैट विधानसभा राजमहल लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यही इकलौती सीट जेएमएम ने जीती थी। यहां जेएमएम के विजय हंसदक ने बीजेपी कैंडिडेट हेमंत मुर्मू को लगभग एक लाख मतों के अंतर से शिकस्त दी थी।