कौशलेन्द्र पाण्डेय,
जहां एक ओर झारखण्ड विधानसभा चुनाव की लहर अपनी चरम सीमा पर है तो वहीं, अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासत धीरे-धीरे गरमाने लग गई है जो साफ एक पोस्टर के ज़रिए देखने को मिल रही है, जिसे जेडीयू ने जारी किया है जहां पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल की तुलना 1990-2005 के बीच लालू – राबड़ी शासनकाल से की गई है।पोस्टर और सियासत… यहां जानें पूरा किस्सा -आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पोस्टर में नीतीश कुमार के शासनकाल को भरोसे के रूप में दिखाया गया है तो वहीं, दूसरी तरफ लालू-राबड़ी के शासनकाल को भय के रूप में बताया गया है।और तो और नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल की तुलना जहां एक सफेद कबूतर से की गई है जो कि शांति का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी तरफ लालू-राबड़ी शासनकाल की तुलना एक गिद्ध से कर दी गई है जो कि डर और विनाश का प्रतीक होता है। भय बनाम भरोसा वाले इस पोस्टर में लालू राबड़ी शासनकाल के दौरान खराब सड़कें और अपहरण को भी दर्शाया गया है तो वहीं नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल में लड़कियों के साइकिल पर बैठकर स्कूल जाते हुए, घर-घर बिजली पहुंच रहा और अच्छी सड़कों के रूप में दिखाया गया है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि तुलनात्मक पोस्टर के जरिए पार्टी यह दिखलाना चाहती है कि 15 साल लालू राबड़ी शासन कालखंड कैसे भय का प्रतीक बन गया था और वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार के 15 साल का शासनकाल बिहार के उन्नति और प्रगति का प्रतीक है।