कौशलेन्द्र पाण्डेय,
अतर्रा (बांदा) कस्बे के बदौसा रोड स्थिति नगर पालिका द्वारा संचालित कान्हा पशु आश्रय केंद्र में लगातार हो रही गोवंशों की मौतों को रोक पाने में जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से विफल हो गए है। वही सातवें दिन औचक निरीक्षण में पहुंचे सीडीओ सहित एडी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने कान्हा पशु आश्रय का जायजा लिया। निरीक्षण मिली खामियों को ईओ को फटकार लागते हुए बेवस्थाए दुरस्त करने के आदेश दिए। सीडीओ हरिश चन्द्र वर्मा बेवस्थाए ठीक न होने पर ईओ को कार्यवाही की चेतावनी दी। सातवें दिन भी केंद्र जानवरों की मौत से अछूता नही रहा है। मंगलवार को 3 गायों की मौत के बाद बुधवार की सुबह फिर एक गोवंश की मौत हो गयी। इन गौवंशो की मौत के बाद अब तक मे 29 गौवंशो की मौत हो चुकी हैं। पालिका प्रशासन तेजी से व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में लगी हुई है लेकिन की मौत का शिलशिला रुकने का नाम नही ले रहा है। जिससे अब उठने लगा कि आखिर लगातार हो रही गायों की मौत का कारण क्या है
गायों की लगातार हो रही मौतों को देखकर लगता है कि कान्हा पशु आश्रय केंद्र की अव्यवस्था इस कदर बिगड़ी हुई है,कि सुधर नही पा रही है। जिस दिन से बेजुबानों की मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं ही नही ले रहा है। हर दिन गौवंशों की मौत हो रही है। सात दिन में ही बेजुबानों की मौत की संख्या 29 हो गई है। जिम्मेदार लोग ही अपनी कमियां छिपाते हुए दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। पालिका प्रशासन जहां पशु चिकित्सक के नियमित न आने का कारण बता रहा है, वही दूसरी ओर तैनात चिकित्सक ठंड व भूख जैसी अव्यवस्थाओ को बेजुबानों की मौत का जिम्मेदार मान रहा है। लगातार हो रही मौतों पर पालिका प्रशासन गौशाला की सड़क नाली कीचड़ व गंदगी को साफ सफाई के साथ ही तीन सेट व अलाव की व्यवस्था में जुटे हुए हैं लेकिन गौशाला में मौत का जो कारण दिख रहा है उस उस ओर कार्रवाई होते नहीं दिख रहा है कान्हा गौशाला में वास्तविक क्षमता 120 जानवरों की है लेकिन वहां लगभग 400 जानवरों के होने से व्यवस्था अव्यवस्था भी बदली हुई वहां के कुछ भावनाओं में पालिका के कर्मचारियों ने अपने दीदी प्रयोग के लिए अपना बिस्तर डाले हुए हैं और जो भी बचे हुए भवन है जिनकी क्षमता अधिकतम 200 की है वहां 400 जानवर भूख मिटाने के लिए देर शाम संघर्ष करते दिखते और आपस में एक दूसरे को घायल कर देते हैं और छोटे बछड़े इन्हीं के बीच फंसकर घायल हो रहे हैं और धीरे-धीरे मौत का शिकार हो रहे हैं साथी बीमार जानवर या तो खुले आसमान पर पड़ा हुआ है या उन्हीं भावनाओं में जहां जानवरों के खड़े होने के लिए जगह नहीं बुधवार को निरीक्षण पर पहुंचे सीडीओ हरिशचंद बर्मा ने सघनता से गायों की हो रही लगातार मौत का कारण जाना और पूरी गौशाला का बारीकी से निरीक्षण किया जहां खा लिया ही खा लिया देखने को मिली उन्होंने अधिशासी अधिकारी श्री राम सिंह को तत्काल बीमार जानवरों को अलग भवन में गौशाला के रखने व छोटे बछड़ों को अलग स्थान पर रखने के निर्देश दिए साथ ही खाली भवनों व कर्मचारियों द्वारा डेरा डाले गौशाला के भवनों को तत्काल खाली कराकर गायों को रखने के निर्देश दिए साथी श्री वर्मा को अधिवक्ता व कांग्रेस नेता सूरज बाजपेई ने गौशाला की कमियों को बताते हुए गौशाला भी गायों को पालिका कर्मचारियों द्वारा भूसा कि कमी व उपचार के अभाव को बताया साथ ही पालिका कर्मचारियों से गौशाला के भवनों को खाली कराकर गायों को आस्वाद से बचाकर शीतलहर महलों में रखने की बात कही जिस पर श्री वर्मा ने तत्काल पालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देश देते हुए गौशाला की व्यवस्थाओं तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए साथ ही 2 दिन के अंदर पुनः निरीक्षण करने की बात कहते हुए कहा कि कमियां पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी साथी श्री वर्मा ने गौशाला में अलाव गायों के भूख के लिए तत्काल पयार डलवाने के निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा कि इस भीषण ठंड में भूसा और पाया कि कभी नहीं होनी चाहिए उन्होंने कहा की भूख से ही जानवर कमजोर हो रहा है इसके साथ ही सी बर्बादी अधिशासी अधिकारी को हिदायत देते हुए कहा कि कान्हा गौशाला में ही मवेशियों की ज्यादा मौतें हो रही है और कहीं इतनी मौतें नहीं हो रही है लापरवाह अधिकारियों की किसी भी दशा भी बक्सा नहीं जाएगा। बताते चलें कि इसके पहले पशु चिकित्सक रामवृक्ष सिंह कह चुके हैं कि अधिकांश मवेशी कमजोरी के कारण मर रहे हैं साथी पशु चिकित्सक राम सिंह ने सीडीओ के साथ आए एडी पशु चिकित्सक एके सिंह से कई गए गौशालाओं की जिम्मेदारी होने का रोना रोया जिस पर उन्होंने पशु चिकित्सक से कहा कि लिख कर दो यहां पर कस्बे के पशु अस्पताल के फार्मासिस्ट की स्थाई नियुक्ति कर देते हैं जो जानवरों को आवश्यक उपचार देता रहेगा।