कौशलेन्द्र पाण्डेय, ग्रुप एडिटर
पश्चिम बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी भी साल 2020 की गणतंत्र दिवस की परेड में नहीं दिखाई देने वाली है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र अवध ने यह दावा किया है कि इस बार के गणतंत्र दिवस की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को गृह मंत्रालय ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
वहीं, इस मामले पर शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से देश का आकर्षण रही है… अगर यही कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो अब तक महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर कई झांकियां निकलती हैं, जिनमें राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय मंत्रालयों की उपस्थिति होती है।
इस साल यानी कि 2020 में होने वाली परेड में कुल 22 झांकियां दिखाई जाएंगी… इसमें 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश की और 6 केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से होंगी। वहीं, रक्षा मंत्रालय के पास परेड के लिए कुल 56 झांकियों का प्रपोजल आया था।
बंगाल की झांकी भी हुई खारिज –
राज्यों, मंत्रालयों की तरफ से गणतंत्र दिवस की परेड में दिखाई जाने वाली झांकी को लेकर इस बार केंद्र सरकार के पास कुल 56 प्रपोजल भेजे गए थे… जिनमें पश्चिम बंगाल की सरकार का प्रपोजल भी शामिल था। हालांकि केंद्र सरकार ने बंगाल की झांकी के प्रपोजल को ठुकरा दिया है।
शिवसेना का बड़ा हमला –
यही नहीं, संजय राउत की मानें तो इस बार की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को शामिल नहीं किया गया है… यह जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स द्वारा तैयार किया गया है। हमें इसके लिए ज्यादातर बार पुरस्कार मिला है… और ऐसा क्या हुआ कि इस बार महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को जगह नहीं मिली??? दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है बस यही कारण है। यह महाराष्ट्र का बड़ा अपमान है… उन्होंने आगे कहा कि पूरा महाराष्ट्र गणतंत्र दिवस परेड का इंतजार करता है… मैं महाराष्ट्र के सीएम से मामले में जांच करने की अपील करता हूं।
शिवसेना सांसद की अब इस बात पर गौर करें तो यह देखना दिलचस्प होगा कि जहां पर बीजेपी सत्ता में नहीं है… जैसे कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड को झांकियों में शामिल किया जाता है या नहीं।