विकास कुमार सिंह, सब एडिटर
बिहार में बालू के अवैध कारोबार का सरगना बढ़ता ही जा रहा है। बालू की चोरी को लेकर के कई मामले सुर्खियों में रहे हैं। अब हाल में आरटीआई कर्मचारी की हत्या के बाद पटना पुलिस फुर्ती के साथ इस मामले पर लगी है।बिहार की राजधानी और भोजपुर में अवैध बालू का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा हैं । शिकायत के बावजूद कार्रवाई में स्थिलता बरती जा रही थी । आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज कुमार की हत्या हुई तो खनन विभाग और पुलिस की नींद टूटी हैं । जिला खनन पदाधिकारी राजेश कुमार कुशवाहा व खान निरीक्षक अरूण कुमार और डीएसपी मसौढ़ी सोनू कुमार राय के नेतृत्व में मसौढ़ी क्षेत्र में अवैध बालू कारोबार में जुटे 8 ट्रक को जब्त किया गया हैं । छापेमारी के दौरान जांच के क्रम में यह बातें प्रकाश में आयी हैं की बड़े पैमाने पर बालू का ओवरलोड का कारोबार चल रहा हैं । बिना चलान के बालू भरा ट्रक जब्त किया जाने के मामले में बालू ठेकेदार की भूमिका संदिग्ध पाया गया हैं ।
पटना और भोजपुर जिले में बालू के अवैध कारोबार का बड़ा खेला चल रहा हैं । जिसके कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा हैं । प्रतिदिन जाम की स्थिति बनी रहती हैं ।जाम में स्कूली बच्चे ,मरीजों का एम्बुलेंस, प्रतिदिन सरकारी -प्राइवेट नौकरी करने वाले जाम में फंस जाते हैं । ओवरलोड ट्रक पकड़े जाने के डर से तेज गति में चलाते हैं ,कारण प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में आम जनों की जान जाती हैं । जाम व अवैध बालू कारोबार का नजारा महबलीपुर से रानीतलाब ,बिक्रम से नौबतपुर, बिहटा से दानापुर में देखा जा सकता हैं । सैकड़ों ट्रकों पर बालू ओवरलोड रहता हैं ,इसमें कई बिना चलान व फर्जी चलान के होते है लेकिन खनन विभाग ,जिला प्रशासन व पुलिस जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती । जिससे सरकार के राजस्व की क्षति खुलेआम हो रही हैं।
बालू के अवैध कारोबार के रोक-थाम के लिए जिला स्तर पर तीन टीमें बनाई गयी हैं । अंचल स्तर पर सीओ और थानाध्यक्ष ,अनुमंडल स्तर पर एसडीओ और डीएसपी एवं जिला स्तर पर जिला खनन पदाधिकारी और एसपी को अवैध बालू कारोबार रोकने का दायित्व दिया गया हैं ।सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत संबंधित पदाधिकारियों से जानकारी मांगी गयी थी की अवैध बालू कारोबार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी हैं ,इसपर अधिकांश ने कोई जबाब तक नहीं दिया हैं ।