निखिल दुबे, संवाददाता
आतंकियों के साथ रिश्ता रखने वाले जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह पर शिकंजा कसा गया.जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘देवेंद्र सिंह को गैलेंट्री मेडल मिलने को जो बात सामने आई है वह गलत है, देवेंद्र सिंह को सिर्फ राज्य सरकार के द्वारा 2018 के स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया था. ये सम्मान अगस्त 2017 में पुलवामा में बतौर डीएसपी एक आतंकी हमले को रोकने के लिए दिया गया था.’गृहमंत्रालय ने अब मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है. सोमवार को देवेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया था. डीएसपी देवेंद्र सिंह को नवीद बाबू और अलताफ नाम के आतंकवादियों के साथ शनिवार को हिरासत में लिया गया था. देवेंद्र सिंह के घर से दो पिस्तौल और एक एके-47 भी राइफल जब्त की गई थी.आतंकियों के साथ गठजोड़ के आरोप में पकड़ा गया डीएसपी देवेंद्र सिंह का शुरु से ही विवादों से नाता रहा है. वह 1992 में जम्मू कश्मीर पुलिस में भर्ती हुआ था और बताया जाता है कि वह प्रोबेशन पर था, उसी दौरान उस पर भ्रष्टाचार का आारोप लगा था. कहा जाता है कि उस समय उसने नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में पकड़े गए तस्करी और नशीले पदार्थों को उसने गायब कर दिया था. मामले की जांच हुई तो उस समय संबधित प्रशासन ने उसे सेवामुक्त करने की सिफारिश की थी.उधर, जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर के सलाहकार फारूक खान ने इस मसले पर ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं इस मसले पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहता। हर संस्था में एक ब्लैक शीप होता है, वह (दाविंदर सिंह) भी ब्लैक शीप था… लेकिन जम्मू-कश्मीर को इसका श्रेय जाना चाहिए कि उन्होंने उसकी पहचान कर पकड़ा और उसके द्वारा रचे गए षडयंत्र का पर्दाफाश किया। उन्होंने आगे कहा, ‘दुर्भाग्यवश कुछ राजनीतिक दल इस मामले में भी राजनीति कर रहे हैं जबकि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है।’