कौशलेन्द्र पाण्डेय,
अपने चोर वैज्ञानिक ए क्यू खान की बदौलत धोखे से परमाणु हथियार हासिल करने की पाकिस्तान की करतूत से पूरी दुनिया वाकिफ है। खान ने कनाडा से परमाणु तकनीक चुराकर न केवल पाकिस्तान में न्यूक्लियर प्रोग्राम संचालित किया बल्कि इसे ईरान, लीबिया, उत्तर कोरिया जैसे देशों को बेच भी दिया। तब से पाकिस्तान ने न्यूक्लियर स्मगलिंग और मिसाइल टेक्नॉलजी के अवैध अधिग्रहण से तौबा नहीं किया है। इसके पास विज्ञान और तकनीक का शायद ही कोई केंद्र है, फिर भी इसने चोरी और धोखे से परमाणु हथियार और बलिस्टिक मिसाइल हासिल कर लिया। अब उसे अमेरिकी तकनीक की चोरी करते हुए पकड़ा गया है। दरअसल, रावलपिंडी स्थित फ्रंट कंपनी ‘बिजनस वर्ल्ड’ से जुड़े पांच पाकिस्तानियों पर अमेरिका में आरोप लगा है कि उन्होंने पाकिस्तान के न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम के लिए अमेरिकी तकनीक की स्मगलिंग की है।अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, ये पांच पाकिस्तानी कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग और यूके में रहते हैं। डिपार्टमेंट का कहना है, ‘ये अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए दुनियाभर से खरीद करने का नेटवर्क चलाते थे। इनकी फ्रंट कंपनियां अडवांस्ड इंजिनियरिंग रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (एईआरओ) और पाकिस्तान ऐटमिक एनर्जी कमिशन (पीएईसी) के लिए अमेरिका में बने उत्पाद खरीदती है। यह कंपनी अमेरिका से सामानों का निर्यात बिना एक्सपोर्ट लाइसेंस के ही करवाती है जो अमेरिकी कानून का खुला उल्लंघन है।’