कौशलेन्द्र पाण्डेय /संपादक :नई दिल्ली :विशेष सूत्र
बीजेपी के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के बाद देश के सबसे बड़े कवि कुमार विश्वास एक-दो दिनों के बाद होंगे बीजेपी में शामिल होंगे और अरविंद केजरीवाल को देखे मजबूत टक्कर. कुमार विश्वास एक बेहतर कवि के साथ साथ राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी हैं, कुमार विश्वास राहुल गांधी के विरुद्ध अमेठी में भी चुनाव लड़ चुके हैं, अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है, युवाओं के भरोसा के प्रतीक हैं कुमार विश्वास, एक कवि एक नेता के साथ-साथ एक बड़े ब्राह्मण चेहरा के रूप में बीजेपी में होंगे शामिल, बीजेपी का मिला एक देश मे मजबूत चेहरा. पार्टी को भारी के साथ दूसरा बाजपेयी जी मिल गये. कुमार विश्वास पर दिल्ली में युवाओं को है भरोसा, अरविंद केजरीवाल को दाल चावल का भाव पता चल जाएगा, देश के टैक्सपेयर का पैसा सरकार कैसे लुटाती है, इसका जीता जागता प्रमाण अरविंद केजरीवाल है, बीजेपी ने अरविंद के विरुद्ध बहुत ही सोची समझी रणनीति के तहत कुमार विश्वास को लाकर उनके विरुद्ध खड़ा करने का मन बनाया है, सूत्रों का कहना है कुमार विश्वास से बंद कमरे में डॉ हर्षवर्धन और मनोज तिवारी मिल चुके हैं, सारी बातचीत पूरी हो चुकी है. एक-दो दिनों में बड़े समारोह में इसकी घोषणा की जाएगी, दिल्ली चुनाव को देखना बहुत ही दिलचस्प हो जाएगा, बाएं तरफ अरविंद केजरीवाल होंगे वहीं दूसरी तरफ उनके दोस्त कुमार विश्वास, विश्वसनीयता की बात की जाए तो कुमार विश्वास थोड़ा भी कम नहीं है, कुमार विश्वास लेखक कवि प्रोफेसर के साथ साथ देश के एक बड़े भ्रमणदेश के एक बड़े ब्राह्मण चेहरा ब्राह्मण चेहरा है,दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अब तक अपने उम्मीदवारों और सीएम कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहीं किरण बेदी को अंतिम समय में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था. इस विधानसभा चुनाव में भी लोगों के बीच यह चर्चा है कि बीजेपी अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहे और आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास को अपना उम्मीदवार बना सकती है. लेकिन कवि से राजनेता बने कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने इन बातों को टाल दिया है और अपने आप को अप्रवासी भारतीयों के एक समारोह के लिए परदेस में होने की बात कही है. ट्विटर पर पूछे गए बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने लिखा ‘अप्रवासी भारतीयों के एक समारोह के लिए परदेस दोहा (क़तर) में हूं! यहीं से ज्वाइन कर लूं तुम कहो तो? इस खबर का रिपीट-अलार्म लगाकर हर हफ़्ते चला लिया करो यार, क्यूं बार-बार उंगलियों को कष्ट देते हो.’