पटना, प्रिया सिन्हा
जैसा कि आप जानते हैं कि नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में आर-पार की जंग लगातार चल ही रही है और ऐसे में पार्टियों के अंदर भी अलग-अलग आवाजें सुनाई दे रही हैं। वहीं, जनता दल (यू) के पवन वर्मा की चिट्ठी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें भविष्य की योजनाओं के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दीं हैं लेकिन पवन वर्मा का कहना है कि अभी तक उन्हें उनकी चिट्ठी का जवाब नहीं मिल पाया है पर शुभकामनाओं के लिए उनका बहुत धन्यवाद है।
यही नहीं, नीतीश कुमार के बयान के बाद पवन वर्मा ने भी यह जवाब दिया है कि मुख्यमंत्री के बयान का वो खुले हाथ से स्वागत करते हैं कि पार्टी में अभी भी विचार विमर्श की जगह बची है लेकिन मेरा मकसद उन्हें कष्ट देना नहीं था।
बताते चलें अपनी चिट्ठी को लेकर पवन वर्मा ने साफ कहा कि मैं पार्टी से विचारधारा पर सफाई चाहता था लेकिन जो चिट्ठी मैंने लिखी थी उस पर जवाब का अभी भी इंतजार है और अपनी भविष्य की रणनीति का खुलासा वो उसके बाद ही करेंगे।
पवन वर्मा आगे कहते हैं कि बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल ने भी CAA के मुद्दे पर दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने आगे यह सवाल किया है कि जनता दल यूनाइटेड ने किस विचारधारा के साथ बीजेपी के साथ लड़ने का फैसला किया है??? बस यही मेरा सवाल था और इसी सवाल का इंतज़ार आज भी है।