कौशलेन्द्र पाण्डेय :संपादक, नई दिल्ली,
राजपथ पर दिखा भारत का लोकतंत्र. जब हमारे राष्ट्पति रामनाथ कोविंद ने झंडा फहराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपती, उप राष्ट्रपती, उनके पत्नी सहित देश के सभी VIP अतिथि का स्वागत किया, देश आज 71वी गणतंत्र मना रहा है,
ब्राजील के राष्ट्पति आज हमारे देश के मुख्यअतिथि बने.
आज देश के नेताओं को सोचना होगा की जिस देश का राजनीती मे इतनी नीचता आ गई है की हमलोग जाती की बात करते है लेकिन आज एक दलित जाती से आने वाले विद्वान आज हमारे राष्ट्रपती है और हमारे देश की संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ अम्बेडकर के सपनों का भारत बना. अम्बेडकर आज खुश होंगे या उदास लेकीन आज नेताओं को सोचना होगा की देश को हम जाति या प्रदेश की बात ना कर देश को शिक्षा मे मजबूत करें, मेरा मन कहता है की आज देश के सभी नेताओं को सोचना चाहिए की जिस विकसित भारत का राष्ट्पति डॉ कलाम तो रामनाथ कोविंद हुये अब जनता को बकस देना चाहिए.आज देश हमारा जाति पाती से ऊपर उठ कर युवाओं को सोचना होगा की आज हमारे नेता हमें कहा ले जा रहे है. ओ हमेशा हमें कमजोर कर रहे है. कभी जाति के लिए, कभी भगवान के लिये, कभी मंदिर के लिये, कभी मस्जिद के लिये,
अरे भाई लड़ना है तो लड़ कर जीते शिक्षा के लिये, स्वास्थ्य के लिये. अम्बेडकर के सपनों का भारत तब बनेगा जब हम एक तरह से सोचेगे की अब देश ना टूटे ना रुके.