नेपाल के सिद्धार्थनगर में एक ही परिवार के चार भारतीय बोरियों के ढेर के नीचे दब गए, जिस कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गई। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल है। इस पर्वतीय देश में 10 दिनों के भीतर यह दूसरा मामला है, जिसमें भारतीय लोगों की जान गई है। यह घटना पश्चिमी नेपाल के प्रांत नंबर पांच में सिद्धार्थनगर नगर पालिका के गल्लामंडी पिपरिया इलाके में हुई। नेपाल पुलिस के अनुसार, 30 साल के शहजाद हुसैन, उसकी पत्नी सद्दाब खातून और उसकी दो साल की बेटी और छह साल का बेटा अपने किराए के कमरे में बोरियों के ढेर के नीचे मृत पाए गए। वे मूल रूप से भारत के बिहार के रहने वाले थे।
पुलिस ने बताया कि शहजाद पिछले 15 सालों से यहां कबाड़ी के तौर पर काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इन चारों की मौत दम घुटने से हुई है। चारों के शवों को रुपानदेही जिले के अस्पताल में पोस्ट मार्टम के लिए रख दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि 10 दिन पहले नेपाल में छुट्टियां मनाने गए भारतीय दल के आठ लोगों की मौत होटल के कमरे में दम घुटने की वजह से हो गई थी। मृतक केरल के तिरुवनंतपुरम व कोझिकोड के रहने वाले दो परिवार थे। इनमें चार बच्चों की भी जान गई थी।
ये सभी भारत लौटने से एक दिन पहले मकवानपुर जिले के दमन के एक रिसोर्ट में रुके थे। रात को सर्दी से बचाने के लिए कमरे में लगाए गैस हीटर की वजह से बनी कॉर्बन मोनोऑक्साइड के चलते सभी सोते हुए बेहोश हो गए। उन्हें इलाज के लिए हेलिकॉप्टर से काठमांडू लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।