चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जनता दल यूनाइटेड से बर्खास्त होने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए तो मुख्यमंत्री नितीश कुमार और उनकी सरकार के कामकाज पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने नीतीश को पिछलग्गू कहा तो ‘गुजरात वाला’ कहकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर भी प्रहार किया। प्रशांत ने नीतीश को हारे हुए नेता बताते हुए बीजेपी-जेडीयू गठबंधन पर भी सवाल उठाए और कहा कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते।जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही नीतीश कुमार को पितातुल्य बताया। उन्होंने कहा कि वह नीतीश के हर फैसले को सहृदय स्वीकार करते हैं। उस पर कोई टीका-टिप्पणी न अब करेंगे और न भविष्य में। हालांकि, अगले ही पल उन्होंने नीतीश को बहुत कुछ सुना दिया। उन्होंने नीति आयोग की ओर से निर्धारित डिवेलपमेंट इंडेक्स के हवाले से बिहार को फिसड्डी करार दिया और कहा कि नीतीश ने 15 सालों में विकास तो किया, उनके विकास कार्य लोगों के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन लाने वाले नहीं रहे। प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की’ नाम से कैंपेन की शुरू करने का ऐलान किया।