तिहाड-जेल की सुरक्षा के साथ ही इन दिनों दोषियों के स्वास्थ्य पर जेल प्रशासन खास तौर से नजर बनाए हुए है। अगर इनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो फांसी में भी दिक्कत आ सकती है।नया डेथ वारंट आने के बाद दोषियों का सुबह शाम वजन मापना शुरू हो गया है। बता दें कि जेल के नियमों के अनुसार, फांसी की सजा पाए दोषी का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहना जरूरी है। अगर इनके वजन में कोई कमी या बढ़ोतरी होती है तो इसका असर फांसी के फंदे की लंबाई पर आएगा।दरअसल, वजन के हिसाब से यह तय होगा कि किस दोषी को फंदे से कितना नीचे लटकाया जाएगा। जेल मैनुअल के हिसाब से कम वजन के दोषियों को ज्यादा वजन वाले की तुलना में अधिक नीचे लटकाया जाता है। फांसी से चार दिन पहले डॉक्टर दोषियों की पूरी जांच कर स्वास्थ्य रिपोर्ट तैयार करते हैं और फिर उसके अनुसार फंदे की लंबाई को लेकर अपना सुझाव देते हैं।डॉक्टर चाहें तो इसके फंदे की लंबाई कम या ज्यादा कर सकते हैं। मालूम हो कि, बीते कुछ समय से दोषियों के वजन में कमी आ रही है। खासतौर से विनय शर्मा के वजन में। विनय के वकील ने अदालत में बताया था कि वह 11 फरवरी से कुछ दिनों के लिए भूख हड़ताल पर था, जिसके कारण उसके वजन में अन्य दोषियों की अपेक्षा ज्यादा कमी आई है।