पुलिस महानिदेशक के आदेशों की थानाधिकारी को नही परवाह,
अवैध हथियारों से हमला करने वालों के खिलाफ नही किया मुकदमा दर्ज।
भरतपुर, 21 फरवरी । कामां पुलिस सर्किल के थाना पहाड़ी के थानाधिकारी कैलाश मीणा द्वारा पुलिस महानिदेशक के जारी आदेशों को तबज्जो नही देना एक चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि जहां पुलिस पर गौ तस्कर खुलेआम अवैध हथियारों से फायरिंग कर पुलिस कर्मियों को घायल कर एक चुनौती बने हुए है तो वहीं थानाधिकारी पहाड़ी द्वारा अवैध हथियार लहराते हुए हमला करने वालों पर मुकदमे दर्ज नही कर अपराधियों के हौंसलों को बढ़ावा देने में लगे हैं।इस तरह का एक मामला भी सामने आया है जहां पीड़ित का थाने में अवैध हथियारों से हमला करने वसलों पर मुकदमा दर्ज नही किया गया बल्कि उसे जांच की कह कर भगा दिया गया।जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर कहीं न कहीं सवालिया निशान खड़ा हो रहा है कि पुलिस महानिदेशक सहित जहां रेंज के आई जी लक्ष्मण गौड़ व पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी जितने गम्भीर है तो वहीं उतने ही लापरवाह थानाधिकारी पहाड़ी हैं।जिसके कारण अवैध हथियारों से गौ तस्करों से मुठभेड़ के दौरान थाने के ही सब इन्स्पेक्टर सुनील कुमार के गोली लगने से घायल होना है।अगर थानाधिकारी समय रहते सूचना मिलने पर कार्यवाही करते तो अपराधियों के हौंसले बुलंद नही होते उनमें कहीं न कहीं भय व्याप्त होता।थाना क्षेत्र में जिस तरह अपराधियों के हौंसले दिन प्रति दिन बुलन्द हो रहे हैं उससे कहीं न कहीं थानाधिकारी की कार्यप्रणाली के साथ साथ थाने की बीट प्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि आज पहाडी थाने पर तैनात स्थानीय पुलिस कर्मियों की अपराधियों से मिलीभगत व थाना क्षेत्र में चल रही अवैध हथियार फैक्ट्रीयो की जानकारी होने के बावजूद भी करवाई ना करने का अंजाम पहाडी पुलिस को उस समय भुगतना पड़ा जब डीएसपी देवेंद्र सिंह राजावत के नेतृत्व में भारी पुलिस बल गौ तस्करों के खिलाफ व चोरी के वाहनों को पकड़ने की कार्रवाई करने के लिए पहाडी थाना क्षेत्र के गांव फतेहपुर पहुंचा अवैध हथियारों से लैस गौ तस्करो ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। बुलंद हौसलों के चलते गौ तश्करो द्वारा की गई फायरिंग में पुलिस को संभलने का मौका ही नहीं मिला जब तक पुलिस संभल पाती तब तक गोली लगने से पहाड़ी थाने पर तैनात एक सब-इंस्पेक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया । सब इंस्पेक्टर को गंभीर रूप से घायल हुआ देख पुलिस के हौसले पस्त हो गए।अब देखना यह होगा कि जिले में अपराध पर अंकुश लगाने वाले पुलिस के टाइगर अपराधियों पर लगाम लगाने में विफल रहे व पुलिस महानिदेशक के आदेशों के बाबजूद पीड़ितों के थाने में मुकदमे दर्ज नही कर चक्कर कटवाने के मामलों में उचित कार्यवाही करेंगे या फिर थानाधिकारी को कोई पारतोषित देकर सम्मानित करेंगे।