केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आतंकवादियों और भ्रष्ट लोगों को निजता (प्राइवेसी) का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही ऐसे लोगों को व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए। इसके अलावा कानून मंत्री ने कहा कि शासन की जिम्मेदारी निर्वाचित प्रतिनिधियों और फैसले सुनाने का काम जजों पर पर छोड़ देना चाहिए। यह वैश्विक चुनौतियों का समय है। हम संकल्प की तलाश कैसे करते हैं? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न बना हुआ है। मेरा स्पष्ट मानना है कि इसके लिए हमें पारंपरिक नियामक तंत्र पर वापस लौटना होगा, जिसे शासन द्वारा कानून के नियमों के तहत बनाया गया हो। कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में ‘न्यायपालिका और बदलती दुनिया’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 में यह भी कहा कि लोक लुभावनवाद को कानून के तय सिद्धांतों से ऊपर नहीं होना चाहिए।