झारखण्ड के दुमका से जमुई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नक्सली नेता सिद्धू कोड़ा की मौत पुलिस अभिरक्षा में हो गई है. गिरफ्तारी के बाद छापेमारी के दौरान सिद्धू कोड़ा को पेट और सीने में दर्द हुआ. तबियत बिगड़ते ही उसे एसटीएफ की टीम सदर अस्पताल ले आई लेकिन शनिवार की देर रात डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.दुमका से हुई थी गिरफ्तारीजमुई एसपी की सूचना पर एसटीएफ ने इनामी नक्सली सिद्धू कोड़ा को झारखंड के दुमका से गिरफ्तार किया था. इस दौरान गिरफ्तार नक्सली के पास से एक एके-47 भी बरामद हुआ था. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने निशानदेही पर कार्रवाई करते हुए दो और नक्सली इलियास हेंब्रम और सुशील हांसदा को चकाई थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था जहां से पुलिस ने लगभग 100 की संख्या में कारतूस और एक इंसास और एक राइफल को बरामद किया था.सर्च ऑपरेशन के दौरान बिगड़ी तबीयतसिद्धू कोड़ा की गिरफ्तारी और फिर उसकी मौत के बारे में जमुई पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए यह बताया है कि 22 फरवरी को सिद्धू कोड़ा को झारखंड के दुमका से गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद एएसपी अभियान और एसटीएफ के द्वारा सर्च अभियान चलाया गया. गिरफ्तार नक्सली के निशानदेही पर दो सक्रिय सदस्य इलियास हेम्बरम और सुशील हांसदा को गिरफ्तार किया गया. फिर उनके पास एके-47 और इंसास राइफल और हैंड ग्रेनेड की बरामदगी की गई. गिरफ्तारी के दौरान नक्सली सिद्धू कोड़ा के द्वारा यह बताया गया कि माओवादी द्वारा पुलिस का लूटा हुआ जो राइफल इंसास और विस्फोटक और अन्य सामग्री जो राष्ट्र विरोधी गतिविधि में उपयोग किया जाता है उसे बरामद कराया जाएगा.डीआईजी कर रहे मामले की निगरानीएसटीएफ के पदाधिकारी के अनुसार छापेमारी के क्रम में गिरफ्तार नक्सली सिद्धू कोड़ा द्वारा जंगल में पेट और छाती में दर्द की शिकायत की गई जिसके बाद तत्काल एसटीएफ द्वारा उसे अस्पताल भेजा गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार कार्रवाई और जांच की जा रही है. गिरफ्तार नक्सली नेता सिद्धू कोड़ा की मौत के बाद मुंगेर डीआईजी मनु महाराज जमुई में कैम्प कर पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं.70 से अधिक केस थे दर्जझाझा एसडीपीओ भास्कर रंजन ने बताया कि कोड़ा के खिलाफ लगभग 70 से भी अधिक केस विभिन्न थानों में दर्ज थे. इस नक्सली की गिरफ्तारी दुमका से हुई थी जो दुमका में भी नक्सली वारदात को अंजाम देने वाला था. गिरफ्तार नक्सली जिसकी मौत पुलिस अभिरक्षा में तबियत बिगड़ने से बताई जा रही है उस पर जमुई और झारखंड के थानों में कई केस दर्ज है