बिहार,
यूं तो बिहार में अभी तक कोरोना वायरस से ग्रस्त कोई भी मरीज नहीं पाया गया है लेकिन इसका कहर वहां के लोगों में काफी ज्यादा है। हांलाकि बिहार राज्य सरकार अपनी तरफ से कोरोना वायरस को लेकर कई एहतियातन कदम उठा रही है ताकि इस जानलेवा वायरस से लड़ा जा सके। वहीं, पीएमसीएच ने सभी डॉक्टरों और अपने कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है।
बता दें कि बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में इस वक्त का कोरोना वायरस का संदिग्ध एक मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है… इस शख्स का नाम विनोद कुमार है जो समस्तीपुर का रहने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही यह दुबई से वापस भारत आया था। ऐसे में इस महामारी से मुकाबला करने के लिए पीएमसीएच प्रशासन ने सभी डॉक्टरों और अपने कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द करने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं, पीएमसीएच प्रशासन ने सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रहने का भी निर्देश दे दिया है।
जहां एख ओर अगले आदेश तक सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। तो वहीं, दूसरी ओर राज्य के सभी जिलों में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी रोक लगा दी गई है। जान लें कि सरकार का यह फैसला अगले आदेश तक लागू रहेगा।
और तो और राज्य सरकार के निर्देश का असर तकरीबन डेढ़ लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर पड़ेगा। इसके साथ ही 14 मार्च को पटना में होने वाले ‘बिहार स्टार्टअप कॉन्क्लेव’ के कार्यक्रम को भी बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने रद्द कर दिया है।
बताते चलें कि बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि जिस तरीके से कोरोना वायरस ने देश में अपने पैर पसारे हैं, उसमें यह जरूरी हो गया है कि इस तरीके के आयोजनों को रद्द किया जाए ताकि लोगों की भीड़ भी एक जगह पर जमा ना हो।