प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर.
पूरे देश में कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल चुका है और इसके चलते मास्क और सैनेटाइजर की मांग भी काफी बढ़ गई है… कई जगहों पर तो मास्क की कीमतों में वृद्धि आ चुकी है। ऐसे में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में केंद्रीय जेल के कैदी कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क बनाने में जुट गए हैं और इसके लिए यह कैदी लोग निर्धारित घंटों से अधिक समय तक काम कर रहे हैं।
यूं तो बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई भी मामला अब तक सामने नहीं आया है और राज्य सरकार ने लोगों को ज्यादातर समय घरों में रहने के लिए सख्त हिदायत भी दे दी है। लेकिन पिछले साल करीब 200 बच्चों को मस्तिष्क बुखार की वजह से खोने वाला यह राज्य कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है।
दूसरी ओर मुजफ्फरपुर केंद्रीय जेल में करीब 50 कैदी मास्क बनाने के लिए अपने कार्य के लिए तय समय से अधिक देर तक काम कर रहे हैं। अधिक समय तक काम करने का उद्देश्य इस जेल में और अन्य जेलों में अपने कैदियों की सुरक्षा के लिए मास्क बनाना है।
वहीं, जेल के उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य का कहना है कि इस जेल में कपड़ा तैयार करने की परंपरा रही है और इसी से विचार आया कि क्यों न कौशल का उपयोग मास्क बनाने के लिए किया जाए। वैसे भी कम आपूर्ति होने की वजह से मास्क की मांग अधिक है।
यही नहीं, उप संभागीय मजिस्ट्रेट (पूर्व) कुंदन कुमार ने बताया कि यह स्वागत योग्य कदम है। तमाम सावधानियों के बावजूद हम कह नहीं सकते कि कब किसे संक्रमण हो जाए। खुद को और कर्मचारियों को बचाने के लिए कैदियों द्वारा किया जा रहा यह प्रयास काफी सराहनीय है। अन्य जेलों के कैदियों को मास्क की आपूर्ति करने के लिए केंद्रीय जेल प्राधिकारियों को पूरी सहायता मुहैया कराई जाएगी।