शैलेश तिवारी, पोलिटिकल एडिटर.
बिहार सरकार से निवेदन है की वृद्ध, ग़रीब, दैनिक मज़दूरों, निम्न आय वर्ग, BPL व APL परिवारों के लिए मुफ़्त राशन व कम से कम 6000/ माह विशेष आर्थिक सहायता का तत्काल प्रबन्ध करे। पेन्शनधारियों को 5000 अग्रिम राशि, राशन, सरकारी कर्मचारियों को आंशिक अग्रिम वेतन की अविलंब व्यवस्था करे।
बिहार सरकार को व्यवसायी बन्धूओं के लिए ब्याज माफ़ी, क़र्ज़ लौटाने में रियायत, छोटे व्यापारियों और ठेलों वालों के लिए भी वित्तीय प्रावधानों का ऐलान करना चाहिए। जनहित के हर फ़ैसले में हम सरकार के साथ हैं लेकिन कोरोना के विरुद्ध इस सामूहिक लड़ाई में सरकार को भी सहायता और क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।
विगत 10 दिनों से हम बिहार सरकार से निरंतर अपील कर रहे है कि कोरोना के अधिक से अधिक जाँच केंद्र बनाए जाएँ, जाँच किट मंगाए जाए। ज़िला स्तर और प्राथमिक उपचार केंद्र तक Isolation वार्ड बनाए जाए। अधिक से अधिक बेड़ों की व्यवस्था हो लेकिन बिहार में टेस्टिंग भी शुरू नहीं हो सकी, सैम्पल की समुचित व्यवस्था नहीं थी।
हमने हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशनों पर स्क्रीनिंग और जाँच की भी माँग करी थी लेकिन अफ़सोसजनक जनहित की हमारी उचित माँगों पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री राजनीति करने में लीन रहे। उपमुख्यमंत्री के प्रेस रिलीज़ और ट्वीटस को देखिए यह महानुभाव ऐसे समय में भी विपक्ष को बेवजह कोस रहे है लेकिन हम पार्टी की तरफ़ से आधिकारिक रूप से सकारात्मकता के साथ केंद्र और राज्य की हर सकारात्मक पहल का समर्थन और सहयोग कर रहे है।
बिहार में अभी तक कोरोना का कोई भी पॉज़िटिव केस नहीं होने की बात की जा रही थी लेकिन आज दुर्भाग्यवश एक मरीज़ की मौत के बाद पता लगा कि वो कोरोना से पीड़ित था और विदेश से आया था। अब इससे ही सरकारी तैयारियों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। हम बिहार सरकार से माँग करते है फ़रवरी के बाद विदेश से बिहार आए सभी लोगों का अनिवार्य रूप से जाँच होना चाहिए और उनकी कांटैक्ट हिस्ट्री यानि वो किन-किन लोगों के संपर्क में आए इसे भी ट्रेस करना चाहिए।
अगर हम अधिक से अधिक जाँच ही नहीं करेंगे तो संक्रमण का पता कैसे चलेगा? मैं शुरू से सरकार से विनती कर रहाँ हूँ इसको गम्भीरता से लें, अधिक से अधिक जाँच करें और अस्पतालों में समुचित इलाज़ का प्रबन्ध करें लेकिन सरकार को बिहारियों के स्वास्थ्य की चिंता ही नहीं है। जहाँ W.H.O समेत देश-विदेश के सारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ युद्ध स्तर पर लोगों की जाँच करने की सलाह दे रहें, अधिक से अधिक मास्क लगाने का सुझाव दे रहें वहीं मुख्यमंत्री मास्क लगाने पर ग़ुस्सा हो रहें है। डर फैलने का हवाला दे जाँच नहीं हो रही है।
सरकार से पुन: आग्रह करता हूँ कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए लोगों के जान से खिलवाड़ ना करे? मरीज़ों के जाँच से मत भागिए। उनकी जान की क़ीमत आपकी सरकार से ज़्यादा है। मरणासन्न स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खुल चुका है। केंद्र सरकार से मदद माँगिये लेकिन भगवान के लिए तैयारी में लगिए।