कौशलेन्द्र पाण्डेय, संपादक /
हाल ही में सीआईएन ने सबसे पहले यह खबर आपके सामने लाई थी कि खुफिया विभाग की टीम की मदद से बंगाल पुलिस ने 21 वर्षीय पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट तानिया परवीन को गिरफ्तार कर लिया। तानिया परवीन पर पाकिस्तानी एजेंट बन भारतीय सेना के कर्मियों को हनीट्रैप करने व भारतीय मोबाइल नंबर प्रदान करने का आरोप है।
साल 2019 से ही खुफिया एजेंसी तानिया परवीन पर नज़र रखी हुई थी और लगभग एक साल के अंदर ही टीम ने बंगाल एसटीएफ के साथ मिलकर 14 दिनों के लिए तानिया परवीन को पूछताछ के लिए हिरासत में भी ले लिया था लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को यह बात रास नहीं आई क्योंकि उनको देश की सुरक्षा के आगे अपनी कुर्सी को सुरक्षित करना ज्यादा सही लगा।
जी हां, मुस्लिम वोट की लालच में आकर सीएम ममता बैनर्जी ने एसटीएफ को तानिया परवीन से किसी भी तरह की पूछ-ताछ करने से साफ मना कर दिया है।
ऐसे में आपके मन में क्या यह सवाल नहीं आ रहा कि ममता बैनर्जी की यह हरकत क्या किसी देशद्रोही के समान नहीं??? देश की सुरक्षा से खेल रही इस लड़की का बचाव कर ममता बैनर्जी ने खुद के ही पैर पर कुलहाड़ी मार ली है और देशद्रोही की लिस्ट में शामिल हो गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खुद को कट्टरपंथी और स्वयं प्रेरित बताने वाली यह लड़की तानिया परवीन बंगाल के मायापुर की रहने वाली है और इसके पिता का नाम अलामिन मंडल है। यह पाकिस्तानी व्हाट्सएप समूहों द्वारा तैयार की गई जानकारी, समाचार व लेख को साझा किया करती है। बता दें कि पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले बिलाल द्वारा तानिया परवीन को पाकिस्तानी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए और साथ ही उसे छह व्हाट्सएप समूहों का एडमिन भी बना दिया गया।
तानिया परवीन का काम था भारतीय सेना के कर्मियों को हनीट्रैप करना और साथ ही भारतीय मोबाइल नंबर प्रदान करना। इस लड़की ने देश के विभिन्न हिस्सों से युवाओं को कट्टरपंथी बनने और उन्हें जेहाद के लिए लड़ने के लिए सीरिया जाने के लिए प्रेरित किया है। बता दें कि वह सीरियाई मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ता के संपर्क में भी है, जिससे वह सीरिया के जेहाद में शामिल होने के लिए शादी करना चाहती है।