प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर.
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन पपूरे देश में हो रखा है और ऐसे में आपात सेवाओं को छोड़कर सभी दफ्तर, दुकानें और उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
ऐसे में एक ओर जहां रोजी-रोटी कमाने वाले गरीबों और मजदूरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं, दूसरी ओर पशु और जानवरों के लिए पशु आहार और चारा की किल्लत हो गई है।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरों के चलते 14 अप्रैल तक पूरी तरह से देशभर में लॉकडाउन है और ऐसी स्थिति में ‘लालू खटाल’ में जानवरों को भूखा प्यासा रहना पड़ रहा है।
दरअसल वर्ष 1994 की बात है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राजधानी पटना के एक्साइज कॉलोनी इलाके में स्थित खटाल का उद्घाटन किया था बस इस कारण ही इसे ‘लालू खटाल’ के रूप में जाना जाता है। वहीं, मौजूदा समय में ‘लालू खटाल’ में 500 से भी ज्यादा गाय हैं, जो हर रोज तकरीबन 1 लाख लीटर दूध देती हैं। ऐसे में लॉकडाउन के चलते इस खटाल की हालत काफी खराब हो रखी है। यहां रहने वाले जानवरों को समय से ना तो पशु आहार मिल पा रहा है और ना ही चारा।
अपने खटाल की ऐसी अवस्था देख लालू यादव कहीं और ना बीमार हो जाए…