उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्य नाथ को जब यह खबर मिली कि दिल्ली उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर लाखों की संख्या में प्रवासियों को दिल्ली सरकार पहुंचा कर छोड़ दी है, तो उन्होंने 1000 बसें लगाकर सभी प्रवासियों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की है। शुक्रवार व शनिवार रात भर बसों से लोगों को उनके जिले पहुंचाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी मॉनिटरिंग करते रहे। रात में ही मजदूरों और बच्चों के लिए भोजन का इंतज़ाम भी कराया गया। साथ ही दिल्ली से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग भी की गयी और यह सुनिश्चित किया गया कि जो स्वस्थ होगा, उसे निगरानी में घरों को भेजा जाएगा। जिसमें कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें जिलों के वार्डों में क्वारंटीन किया जाएगा।
भारत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का एक संघ है जहां शक्ति केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच बंटी होती है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों का काम होता है कि वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य की जनता के लिए काम करे। जब किसी प्रकार की आपदा-विपदा आती है तो यह ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है। लेकिन अभी कोरोना के समय में दिल्ली की हालत कुछ और ही है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने ऐसी तबाही मचाई जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। केजरीवाल ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार के लोगों की भी जान खतरे में डाल दी है।दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने कोरोना जैसी विपदा के समय में भी अपनी गंदी राजनीति नहीं छोड़ी और दिल्ली में रह रहे उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के मन में ऐसी भय और घर जाने का लालच दिया कि देखते ही देखते UP और दिल्ली के बार्डर पर हजारों की तादाद में अपने घर जाने वाले जमा हो गए।दिल्ली सरकार के अधिकारी बक़ायदा एनाउंसमेंट कर अफ़वाह फैलाते रहे कि यूपी बॉर्डर पर बसें खड़ी हैं, जो उन्हें यूपी और बिहार ले जाएँगी। इसके बाद बहुत सारे लोगों को मदद के नाम पर डीटीसी की बसों से बॉर्डर तक पहुँचाकर छोड़ दिया गया।जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्थिति को और बिगड़ने नहीं दिया और भीड़ को देखते हुए तुरंत बसों को लगाया तब केजरीवाल यह कहते फिर रहे हैं कि वो दिल्ली छोड़कर न जाएं और यह भी दावा कर रहे है कि दिल्ली में पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं।
विकास कुमार सिंह
सब एडिटर