शैलेश तिवारी, पोलिटिकल एडिटर.
कोरोना वायरस यानी कि Coronavirus disease (COVID-19) बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है.कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है. आकार में इस छोटे वायरस ने पूरी दुनिया को डरा दिया है.जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने महामारी घोषित कर दिया है.WHO के मुताबिक संक्रमण के फल स्वरूप बुखार जुकाम साँस लेने में तकलीफ खाँसने व छीकने से यह तेजी से फैलता है।यदि हम अध्यनन करें तो हमारे धर्मग्रन्थों में भी ऐसे ही स्वरूपों का वर्णन है जिनकी कॅरोना वाइरस से अत्यंत समरूपता प्रतीत होती है जैसे-रक्तबीज!रक्तबीज एक ऐसा दानव था जिसे यह वरदान था की जब जब उसके लहू की बूंद धरती पर गिरेगी तब तब हर बूंद से एक नया रक्तबीज जन्म ले लेगा जो बल , शरीर और रूप से मुख्य रक्तबीज के समान ही होगा।ठीक उसी प्रकार आज कॅरोना जैसी महामारी का संक्रमण अत्यंत ही तीव्रता से सम्पूर्ण विश्व में फैल रहा है।जिस तरह से एक रक्क्त बीज से हज़ारों रक्तबीज उत्पन्न हों गये बिल्कुल उसी तरह चाइना ने सम्पूर्ण विश्व को संक्रमित कर दिया।जब भी इस दानवो को अस्त्रों ,शस्त्रों से मारने की कोशिश की जाती , उसके लहू की बूंदों से अनेको रक्तबीज पुनः जीवित हो जाते।रक्तबीज दैत्यराज शुम्भ और निशुम्भ का मुख्य सेनानायक था और उनकी सेना का माँ मातारानी के विरुद्ध प्रतिनिधित्व कर रही थी।ठीक उसी प्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते हैं।इनमें वायरस होते हैं जो किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करते हैं।सोशल डिस्टेंसिंग के तरीके अपनाने वाले लोगों ने कोरोना वायरस के खतरे को काफी कम किया है।जबकि आप सब जानते है कि ऐसा न करने से कई विकसित देशों को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है।शिव के तेज से प्रकट माहेश्वरी देवी विष्णु के तेज से प्रकट वैष्णवी,बह्रमा के तेज से बह्रमणी भगवती के साथ मिलकर दैत्यों से युद्ध कर रही थी।जब भी कोई देवी रक्तबीज पर प्रहार करती उसकी रक्त की बूंदों से अनेको रक्तबीज पुनः जीवित हो उठते,तब देवी चण्डिका ने माँ काली को अपने क्रोध से अवतरित किया।माँ काली विकराल क्रोध वाली और उनका स्वरूप ऐसा था की काल भी उन्हें देख कर डर जाये।माँ भगवती अनेक स्वरूपों से रक्तबीज पर विजय प्राप्त की।आज हमारे समाज को इसी प्रकार के सहयोग समपर्ण निष्ठा की जरूरत है और प्रबुद्ध वर्ग इस विकट परिस्थितियों में लगे हुए हैं।हमसबों को एकजूट होकर सरकार प्रसाशन डॉक्टर जिन्हें हमारे समाज में भगवान की मान्यता दी गयी है की बातों को माने एवम सहयोग करें।कॅरोना नामक राक्षक से बचाव के लिए जो भी रक्षात्मक युक्तियां हमें बताई जा रही हैं उनका हम पुरजोर पालन करें।एक दूसरे के प्रति सहयोगात्मक रवैया अपनाए।वस्तु स्थिति की गंभीरता को समझे एवं समझाने का प्रयत्न करें।
देवी भगवती ने माता काली से कहाँ ने कि तुम इस असुर की हर बूंद का पान कर जाओ जिससे की कोई अन्य रक्तबीज उत्पन्न ना हो सके।ऐसा सुनकर माँ काली ने रक्तबीज की गर्दन काटकर उसे खप्पर मे रख लिया ताकि रक्त की बूँद नीचे ना गिरे और माँ काली उसका सारा खून पी गयी।जो भी दानव रक्त से उनकी जिह्वा पर उत्पन्न होते गए उनको खाती गई।इस तरह अंत हुआ रक्तबीज और उसके खून का।ठीक इसी प्रकार ध्यान रहे कि खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें।बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छुए और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे।इस वायरस को फैलने से रोकना बेहद महत्वपूर्ण हैं।सरकार ने भी कोरोना से बचने के लिए लोगों को एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देने,एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करने या फिर हाथ न मिलाने के लिए बारबार कहा है।ऐसे ही एहतियात कॅरोना पर विजय दिलाएंगे जैसे लॉक डाउन का पालन करें।अपने को भी कोरेंटिन करें।कोरेंटिन मतलब परिवार को समय दे।घर पर रहे सुरक्षित रहें।स्वस्थ भारत सुरक्षित भारत।