चीन कोरोना वायरस को लेकर यदि शुरुआत में पारदर्शिता बरतता तो इसके असर को काफी हद तक कम किया जा सकता था। अमेरिका की पत्रिका नैशनल रिव्यू में छपे लेख के मुताबिक, चीन ने कोरोना से जंग के लिए जरूरी आंकड़े दुनिया से छिपाकर रखे जिससे यह लड़ाई अब बहुत मुश्किल हो गई है। कोरोना वायरस की शुरुआत वुहान के जंगली जानवरों के बाजार से हुई।
लेख के मुताबिक, 1 दिसंबर 2019 को पहले मरीज में कोरोना वायरस के लक्षण सामने आए। पांच दिन बाद मरीज की पत्नी भी कोरोना से संक्रमित हो गई और उसे भी अलग-थलग अस्पताल में भर्ती कराया गया। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में वुहान के डॉक्टर उन लोगों की तलाश कर रहे थे, जिनमें यह वायरस फैला था। इस दौरान यह साफ संकेत सामने आया कि यह वायरस इंसान से इंसान में फैल रहा है।25 दिसंबर को वुहान में मेडिकल से जुड़े दो लोगों में भी कोरोना के लक्षण पाए गए और उन्हें अलग-थलग कर दिया गया। बाद में इस अस्पताल में कोरोना के कई मामले सामने आए। इस बीच 31 दिसंबर को वुहान के हेल्थ कमिशन ने यह घोषित कर दिया कि यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है। चीन ने इस तरह के मामले सामने आने के 3 हफ्ते बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसके बारे में सूचना दी।
नमूने नष्ट किए
इस पूरे मामले का खुलासा करने वाले वाले डॉक्टर ली वेनलिआंग ने चेतावनी दी कि यह सार्स जैसा वाररस हो सकता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर इस वायरस से बचाव के लिए कदम उठाएं। इसके बाद डॉक्टर ली पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया। चीन के नैशनल हेल्थ कमिशन ने आदेश दिया कि इस बीमारी के बारे में कोई भी सूचना सार्वजनिक नहीं की जाए। उसी दिन हुबेई के प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग ने वुहान के सारे नमूनों को नष्ट कर दिया।
विज्ञापन, वुहान के हेल्थ कमिशन ने फिर बयान जारी कर कहा कि यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता और उनका कोई भी स्टाफ संक्रमित नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने 6 जनवरी को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि 59 लोग वुहान में न्यूमोनिया जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। इसके बाद चीन ने लेवल-1 यात्रा निगरानी जारी की। चीन ने कहा कि लोग वुहान में जिंदा या मरे हुए जानवरों के बाजारों और बीमार लोगों से दूर रहें।8 जनवरी को वायरस की पहचान,
8 जनवरी को चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह दावा किया कि उन्होंने वायरस की पहचान कर ली है। हालांकि फिर उन्होंने कहा कि इस बात के साक्ष्य नहीं है कि यह वायरस इंसान से इंसान में फैल रहा है। जनवरी को पहली बार चीन से बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला थाईलैंड में सामने आया। इस मरीज ने वुहान की यात्रा की थी।
19 जनवरी को किया स्वीकार
14 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है। 15 जनवरी को वुहान के हेल्थ कमिशन ने कहा कि इंसान से इंसान में कोरोना वायरस के जाने की सीमित संभावना है। इसके बाद भी वुहान में भीड़ को जुटने दिया गया। 19 जनवरी को हेल्थ कमिशन ने ऐलान किया कि कोरोना वायरस के इंसान से इंसान में फैलने के दो मामले सामने आए हैं। चीन की इस देरी का नतीजा यह हुआ कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल गया।